केंद्र तथा दिल्ली सरकार को तीन हफ्तों में उसके पिछले आदेश का पालन नहीं करने के कारण बताने का निर्देश दिया गया है। अधिकरण के प्रमुख न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ‘भारत सरकार और दिल्ली सरकार, दोनों अपना जवाब दायर करें कि एनजीटी तीन हफ्तों में उसके आदेश का पालन नहीं करने पर उचित आदेश पारित क्यों नहीं करे। सभी अंतरिम आदेश जारी रहेंगे। पीठ ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण से संबंधित उसकी रिपोर्ट के समर्थन में अतिरिक्त विवरण दायर करने का निर्देश दिया है।
प्राधिकरण ने जब यह आदेश जारी किया था तो केंद्र ने 18 मई को आईआईटी दिल्ली के एक कथित शोध के आधार पर पाबंदी के इस आदेश पर रोक की मांग थी। केंद्र का कहना था कि इस शोध के मुताबिक दस साल से अधिक पुराने वाहन वायु प्रदूषण के लिए मामूली जिम्मेदार हैं जिस पर प्राधिकरण ने उसकी खिंचाई भी की थी। प्रधिकरण ने कहा था कि अध्ययन केवल निजी वाहनों से संंबंधित है लेकिन राष्ट्रीय राजधानी में आने वाले ट्रकों सहित वाणिज्यिक वाहनों के कारण होने वाले प्रदूषण पर अध्ययन में कुछ नहीं कहा गया है।