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मैकडॉनल्ड्स के 169 रेस्टॉरेंट हो सकते हैं बंद

12 राज्यों में मैकडॉनल्ड्स के 169 रेस्त्रां और भारत की कनॉट प्लाजा रेस्त्रां प्राइवेट लिमिटेड का करार खत्म होने के बाद कनॉट प्लाजा रेस्त्रां को मैकडॉनल्ड्स ब्रांड का नाम इस्तेमाल करना बंद करना होगा।
मैकडॉनल्ड्स के 169 रेस्टॉरेंट हो सकते हैं बंद

दिल्ली, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और बिहार समेत 12 राज्यों में मैकडॉनल्ड्स के 169 रेस्त्रां और कनॉट प्लाजा रेस्त्रां प्राइवेट लिमिटेड का करार खत्म होने के बाद कनॉट प्लाजा रेस्त्रां को मैकडॉनल्ड्स ब्रांड का नाम इस्तेमाल करना बंद करना होगा। इसकी वजह से कनॉट प्लाजा को 169 मैकडॉनल्ड्स रेस्तरां बंद करने होंगे। हालांकि, कनॉट प्लाजा अभी भी इस पूरे मामले का कानूनी रास्ता तलाशने मे जुटा है। 

मैकडॉनल्ड्स की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, ‘’आज (सोमवार, 21 अगस्त) को हमने मैकडॉनल्ड्स इंडिया और कनॉट प्लाजा रेस्त्रां प्राइवेट लिमिटेड (सीपीआरएल) के बीच उत्तर और पूर्व भारत में 169 रेस्त्रां को लेकर फ्रेचाइंजी करार खत्म करने का नोटिस जारी किया है।” इस नोटिस में उन 43 रेस्त्रां का नाम भी शामिल है जिनका बीते दिनों इटिंग हाउस के लाइसेंस का रिन्यू नहीं हुआ था।

बयान के मुताबिक, इन सभी रेस्त्रां के लिए सीआरपीएल को मैकडॉनल्ड्स ब्रांड और उससे जुड़ी हुई चीजों का इस्तेमाल अगले 15 दिनों में बंद कर देना होगा। जिसका मतलब साफ है कि 4 सितम्बर तक मैकडॉनल्ड्स के नाम से रेस्त्रां कनॉट प्लाजा को बंद करने होंगे।

मैकडॉनल्ड्स ने करार की शर्तो का उल्लंघन का लगाया आरोप 

पीटीआई के मुताबिक, कनॉट प्लाजा के साथ फ्रेंचाइजी रद्द करने के पीछे मैकडॉनल्ड्स का आरोप है कि करार की शर्तो का उल्लंघन हुआ। साथ ही इसे सुधारने के लिए पर्याप्त समय भी दिया गया है लेकिन भारतीय कंपनी ने कुछ भी नहीं किया। फिलहाल, मैकडॉनल्ड्स मानती है कि ताजा घटनाक्रम से कई कर्माचारियों के लिए अनिश्चितता की स्थिति बनेगी। फिलहाल, कोशिश यही है कि करार रद्द करने की कानूनी प्रक्रिया पर अमल के साथ सीआरपीएल के कर्मचारियों, सामान उपलब्ध कराने और स्टोर बिल्डिंग के मालिकों पर असर को प्राथमिकता के आधार पर कम हो।

मैकडॉनल्ड्स का यह भी कहना है कि अंतिम समाधान तक पहुंचने में समय लगेगा, लेकिन पूर्व और उत्तर भारत के लिए वो पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। इसी के साथ कंपनी ने यह ऐलान भी किया है कि वो नए पार्टनर ढूंढ़ने की प्रक्रिया शुरू कर रही है।

कनॉट प्लाजा रेस्त्रां का पक्ष

कनॉट प्लाजा रेस्त्रां ने मैकडॉनल्ड्स के इस कदम को हताशा भरा कदम बताया है। साथ ही कंपनी का कहा है, ‘संप्रभु भारत की कानून व्यवस्था का निरादार है। यह कदम नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) के फैसले को चुनौती है।’ एनसीएलटी ने सीपीआरएल के प्रंबध निदेशक विक्रम बख्शी को बहाल करने का निर्देश दिया था।

कनॉट प्लाजा रेस्टोरेंट्स और मैकडॉनल्ड्स

सीपीआरएल ने फ्रेंचाइजी करार रद्द करने के नोटिस के समय पर सवाल उठाया है। यह नोटिस उस दिन जारी किया गया है जिस दिन कंपनी के डायरेक्टर बोर्ड की बैठक तय की गयी थी। इस बैठक में मैकडॉनल्ड्स के दो नामित डॉयरेक्टर्स को भी शामिल होना था. इस बैठक के ऐजेंडों में 43 बंद पड़े रेस्त्रां को खोले जाने पर भी विचार किया जाना था।

फिलहाल, सीपीआरएल ने साफ किया है कि वो तमाम कानूनी विकल्पों पर विचार कर रही है। इसका यह मतलब है कि जब तक विवाद नहीं सुलझता है या फिर पार्टनर नहीं आ जाता है, तब तक दिल्ली समेत 12 राज्यो में मैक डी के बर्गर खाने के लिए इंतजार करना होगा।

 

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