अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के आंकड़ों के अनुसार 2020-21 शैक्षणिक वर्ष में इंजीनियरिंग संस्थानों और बिजनेस स्कूलों सहित करीब 180 पेशेवर कॉलेज बंद हुए हैं। पिछले नौ साल में इतने संस्थान कभी बंद नहीं हुए।
आंकड़ों के अनुसार 179 संस्थानों के बंद होने के अलावा पिछले पांच वर्षों में बड़ी संख्या में खाली पड़ी सीटों के मद्देनजर इस वर्ष कम से कम 134 संस्थानों ने अकादमिक सत्र के लिए मंजूरी ही नहीं मांगी ।
साथ ही, कम से कम 44 संस्थानों को मंजूरी नहीं मिल सकी या तकनीकी शिक्षा नियामक द्वारा दंडात्मक कार्रवाई के कारण उनको दी गई मंजूरी वापस ले ली गई।
वर्ष 2019 में करीब 92, 2018-19 में 89, 2017-18 में 134, 2016-17 में 163, 2015-16 में 126 और 2014-15 में 77 तकनीकी संस्थान बंद हुए थे।
वर्ष 2020-21 अकादमिक वर्ष में एआईसीटीई द्वारा अनुमोदित कुल 1.09 लाख सीटें फार्मेसी और आर्किटेक्चर संस्थानों में कम हुई हैं।
एआईसीटीई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘ उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार शैक्षणिक वर्ष 2020-2021 से मौजूदा और नए आर्किटेक्चर और फार्मेसी कॉलेजों के लिए, क्रमशः 'आर्किटेक्चर काउंसिल ऑफ इंडिया' और 'फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया' की मंजूरी अनिवार्य होगी।’’
उसने कहा, ‘‘ परिणामस्वरूप, एआईसीटीई की मंजूरी को गैर-अनिवार्य बना दिया गया है। इसलिए इनमें से कई कॉलेजों ने एआईसीटीई से अपनी संबद्धता और अनुमोदन वापस ले लिए हैं , जिस वजह से सीटों की भारी कमी हुई है। इसके बाद फार्मेसी और वास्तुकला की सीटें अब उनके संबंधित नियामक निकायों के पास चली गई हैं।’’
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 762 कॉलेजों में से 69,000 सीटें कम हुई हैं।
वहीं एआईसीटीई ने 2020-21 अकादमिक सत्र के लिए 164 नए संस्थानों को मंजूरी भी दी है, जिससे 39,000 सीटें बढ़ी भी हैं।