गौरतलब है कि मुस्तफा ने अपनी हार्ट प्रॉब्लम के बारे में स्पेशल टाडा कोर्ट को भी बता रखा था। वह बाईपास सर्जरी कराना चाहता था। गौरतलब है कि स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्युटर ने इस मामले में मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट से दौसा के लिए फांसी की सजा सुनाने की मांग की थी। 1993 के मुंबई सीरियल ब्लास्ट के 24 साल बाद 16 जून को स्पेशल टाडा कोर्ट ने गैंगस्टर अबु सलेम और मुस्तफा दौसा समेत छह आरोपियों को दोषी करार दिया था। हालांकि एक आरोपी को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया।
दौसा को सजा सुनाई जानी थी
कोर्ट ने आरोपियों को दोषी ठहरा दिया था लेकिन अभी तक उन्हें सजा नहीं सुनाई गई है। वहीं इस मामले के आरोपी सलेम को पुर्तगाल से प्रत्यर्पण करके भारत लाया गया था। प्रत्यर्पण संधि की शर्त के तहत उसे फांसी या उम्रकैद की सजा नहीं दी जा सकती है। उसे ज्यादा से ज्यादा 25 साल जेल की सजा हो सकती है।
धमाकों में मारे गये थे 257 लोग
मुंबई धमाके 12 मार्च 1993 को हुए थे और इनमें 257 लोग मारे गए थे, जबकि 713 लोग घायल हुए थे। इसके साथ ही करीब 27 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी का नुकसान हुआ था। केस में 16 जून को आरोपियों के दूसरे बैच को सजा सुनाई गई थी। इससे पहले 2007 में 100 लोग दोषी ठहराए गए थे, जबकि 23 बरी किए गए थे। सुप्रीम कोर्ट तक सुनवाई के बाद एक दोषी याकूब मेमन को 2015 में फांसी दे दी गई थी जबकि संजय दत्त सहित 99 अन्य को जेल भेजा गया था। वहीं अबु सलेम सहित तीन आरोपियों ने जुर्म कबूल कर लिया था हालांकि अभी भी 33 आरोपी फरार हैं। इनमें मुख्य साजिशकर्ता अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी दाऊद इब्राहिम, उसका भाई अनीस इब्राहिम, छोटा शकील, मुस्तफा दौसा का भाई मोहम्मद दौसा और टाइगर मेमन शामिल हैं। माना जा रहा है कि यह लोग पाकिस्तान में हैं।