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पंजाब, हरियाणा और हिमाचल में 50 फीसदी श्रमिक काम पर लौटे

चंडीगढ़, पंजाब, हरियाणा व हिमाचल के 50 लाख से अधिक प्रवासी श्रमिकों को उनके मूल राज्यों में वापस भेजने के...
पंजाब, हरियाणा और हिमाचल में 50 फीसदी श्रमिक काम पर लौटे

चंडीगढ़, पंजाब, हरियाणा व हिमाचल के 50 लाख से अधिक प्रवासी श्रमिकों को उनके मूल राज्यों में वापस भेजने के लिए प्यार्प्त संख्या में ट्रेन,बसें न होने के कारण बड़ी संख्या में श्रमिक वापस नहीं जा पा रहे हैं। उपलब्ध ट्रेनों व संख्या को देखते हुए इतने श्रमिकों को भेजने के लिए चार महीने से अधिक समय लग सकता है।  घर जाने के लिए इतने लंबे इंतजार के बीच लॉकडाउन-3 के आखिरी चरण में पंजाब, हरियाणा व हिमाचल की  करीब साढ़े पांच लाख औद्योगिक इकाइयों में से  करीब 80,000 से अधिक औद्योगिक इकाइयों में उत्पादन आंशिक रुप से शुरु होने से भी श्रमिक रुक गए हैं। यहां की सरकारों का दावा है कि 50 फीसदी श्रमिकों ने अपने मूल राज्यों को लौटना स्थगित कर दिया है। अपने घरों को लौटने के लिए आवेदन करने वाले इन तीनों राज्यों के करीब 50 लाख प्रवासी श्रमिकों में से 50 फीसदी ने यहां की सरकारों को इंकार कर दिया है। लौटने के लिए आवेदन करने वालों में 80 फीसदी से अधिक श्रमिक ऐसे हैं जो औद्योगिक इकाइयों में अस्थाई रुप से ठेकेदार के यहां काम करते हैं और सामाजिक सुरक्षा स्कीम से वंचित हैं। इनमें ज्यादातर श्रमिक बिहार,यूपी,झारखंड व पश्चिम बंगाल के हैं।

प्रवासी श्रमिकों को पैदल या साइकिल से न जाने की अपील करते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने आउटलुक को बताया कि राज्य में लगभग 35,000 फैक्टरियों में 24 लाख मजदूर कार्य करते हैं जिनमें से 14 लाख औद्योगिक श्रमिक काम पर वापिस लौट आए हैं। गृह मंत्री अनिल विज ने आउटलुक को  बताया कि अभी तक करीब 8 लाख प्रवासी श्रमिकों ने सरकारी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन किया है जिसमें से तीन लाख श्रमिक वापस लाैटना चाहते हैं जिनके लिए 100 श्रमिक  ट्रेनों और हरियाणा रोडवेज की 700 बसों की व्यवस्था की गई है।  

इधर कोरोना संकट के बीच पंजाब से वापिस अपने राज्य जाने के लिए आवेदन करने वाले श्रमिकों की संख्या 11 लाख के पार है। इनमें से सबसे अधिक 5.86 लाख लुधियाना के हैं। लुधियाना के पुलिस आयुक्त राकेश अग्रवाल ने बताया कि 11 मई तक 6 दिनों में यहां से करीब 24 हजार लोग श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेन से बिहार,यूपी और झारखंड भेजे गए हैं। अग्रवाल का कहना हे कि श्रमिक ट्रेनों व बसों की संख्या देखते हुए आवेदन करने वाले यहां के सभी श्रमिकों को भेजने में चार महीने से भी ज्यादा लगेंगे,जब श्रमिकों को यह बताया गया तो बहुत से श्रमिकों ने जाना स्थगित कर औद्योगिक इकाइयों में काम शुरु कर दिया है।

सेंटर फॉर रिसर्च इन रुरल एंड इंडस्ट्रियल डवलपमेंट(क्रिड)के पूर्व महानिदेशक सुच्चा सिंह गिल के मुताबिक पंजाब से घर लौट रहे प्रवासी श्रमिकों को वापिस लाना यहां के उद्यमियों के लिए इतना आसान नहीं होगा। 2011 की जनगणना अनुसार, पंजाब में प्रवासी श्रमिकों की संख्या लगभग 25 लाख थी और पंजाब प्रवासी श्रमिकों के लिए आठवां पसंदीदा स्थान है पर महामारी के डर से पंजाब छोड़ने वाले श्रमिकों में कितने वापस लौटेंगे यह नहीं कहा जा सकता। हिमाचल के बद्दी व मध्यप्रदेश के बुदनी स्थित इकाइयों में 70 फीसदी उत्पादन शुरु करने वाले वर्धमान यॉर्न एंड फैब्रिक ग्रुप के चेयरमैन एसपी ओसवाल ने बताया कि कुछ प्रवासी श्रमिकों के काम पर न लौटने की वजह से उनकी लुधियाना की इकाइयों में 50 फीसदी उत्पादन शुरु हो पाया है।

 पंजाब का धान रोपाई 10 दिन पहले शुरु करने का फैसला:

पंजाब ने श्रमिकों की किल्ल्त के मद्देनजर एक सप्ताह पहले ही 10 जून से धान की रोपाई शुरू करने का फैसला किया है। जबकि राज्य में गिरते भूजल स्तर के चलते  पंजाब कृषि विश्वविद्यालय  किसानों को निर्धारित समय  (20 जून) से शुरू करने के लिए प्रेरित कर रहा है। पंजाब कृषि विभाग के सचिव काहन सिंह पन्नू के मुताबिक यहां 30 दिन में करीब 30 लाख हैक्टेयर में धान की रोपाई के लिए 7 लाख श्रमिकों की जरुरत है। मई और जून महीनो में बिहार और यूपी से बड़ी संख्या में मज़दूर पंजाब में धान की रोपाई के लिए आते थे परन्तु कोरोना संकट और लाकडाउन के कारण इस बार मज़दूरों के आने का सवाल ही नहीं है और न हीं वहां से श्रमिकों को पंजाब लाने की कोई व्यवस्था है। भारतीय किसान यूनियन के सचिव हरिवन्दर सिंह लक्खोवाल का कहना है कि पंजाब में 30 लाख हेक्टेयर में पिछले साल 180 लाख मीट्रिक टन धान की पैदावार हुई थी परन्तु इस बार आधा भी होने की उम्मीद दिखाई नहीं दे रही है। पंजाब में धान की खेती प्रवासी मज़दूरों से बिना संभव नहीं है। उन्होने सरकार को मांग की है कि खेतों में काम करने वाले मज़दूरों को यूपी व बिहार से लाने की व्यवस्था हो।
 
पंजाब से जाने के लिए श्रमिकों के आवेदन: 

लुधियाना 586349
जालंधर 143147
अमृतसर 59053
बरनाला 4490
बठिंडा 21360
 फरीदकोट 2820
 फतेहगढ़ साहिब 26792
 फाजिल्का 5939
 फिरोजपुर 4499
 गुरदासपुर 9878
होशियारपुर 20909
 कपूरथला 18388
 मानसा 3872
 मोगा 6624
 पटियाला। 10141
 मोहाली 88887
संगरूर 10687
 नवांशहर 6146
 मुक्तसर 4686
 तरनतारन 3770

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