आधार के डेटाबेस में सेंध की खबरों के बीच कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) में दर्ज लोगों के विवरण खतरे में हैं।
समाचार एजेंसी आइएनएस के मुताबिक, 'हफपोस्ट इंडिया' की जांच के बाद पार्टी की ओर टिप्पणियां आईं हैं। 'हफपोस्ट इंडिया' ने खुलासा किया है कि आधार डेटाबेस, जिसमें एक अरब से अधिक भारतीयों की बॉयोमीट्रिक्स और व्यक्तिगत जानकारियां शामिल हैं, में एक सॉफ्टवेयर पैच के जरिए सेंध लगा दी गई है, जिसकी सहायता से आधार की सिक्युरिटी फीचर को बंद किया जा सकता है।
रिपोर्ट के अनुसार, कोई भी अनधिकृत व्यक्ति 2,500 रुपये में आसानी से मिलने वाले इस पैच के जरिए दुनिया भर में कहीं भी आधार आईडी बना सकता है।
कांग्रेस ने एक ट्वीट में कहा, 'आधार नामांकन सॉफ्टवेयर के हैक हो जाने से आधार डेटाबेस की सुरक्षा खतरे में आ सकती है। हमें उम्मीद है कि अधिकारी भावी नामांकनों को सुरक्षित करने और संदिग्ध नामांकन की पुष्टि के लिए उचित कदम उठाएंगे।'
पिछले महीने फ्रांसीसी सुरक्षा विशेषज्ञ इलियट एल्डर्सन ने यूआईडीएआई से सवाल किया था कि क्यों इसकी हेल्पलाइन संख्या कई लोगों के फोन पर उनकी जानकारी के बिना दर्ज हो गई, जिससे काफी विवाद हुआ था। अब उन्होंने एक बार फिर कहा है कि यूआईडीएआई डेटा में सेंध को रोकने के लिए हैकर्स के साथ काम करें।
उन्होंने कहा, 'मैं दोहराता हूं कि कोई भी चीज ऐसी नहीं है, जिसे हैक न किया जा सके। यह आधार पर भी लागू होती है। कभी भी बहुत देर नहीं होती। सुनिए और हैकर्स को धमकी देने के बजाए उनसे बात कीजिए।'
रिपोर्ट में दावा किया गया कि तीन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित विशेषज्ञों और दो भारतीय विश्लेषकों द्वारा पैच का विश्लेषण किया गया है, जिनमें से सभी ने पुष्टि की है कि इसका उपयोग आधार सॉफ्टवेयर में सेंध लगाने के लिए किया जा सकता है।