राफेल विमान सौदे में कथित गड़बड़ी की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के गठन की मांग दोहराते हुए कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर चर्चा से भागने का आरोप लगाया है। संसद में शुक्रवार को इस मुद्दे पर सरकार के जवाब से पहले कांग्रेस नेताओं ने सदन के भीतर और बाहर केंद्र सरकार पर रक्षा मंत्रालय की आपत्तियों को दरकिनार करते हुए अनिल अंबानी की कंपनी को फायदा पहुंचाने तथा देश की सुरक्षा से समझौता करने के आरोप लगाए।
कांग्रेस सरकार कराएगी जांच
संसद के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा,“ वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लंबा भाषण दिया। मुझे गाली देने की बजाए उन्हें राफेल सौदे पर हमारे सवालों के जवाब देने चाहिए।” फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति ओलांद ने कहा है कि पीएम मोदी ने अंबानी की कंपनी को यह कांट्रेक्ट दिलवाया। राहुल ने पूछा, “जब वायुसेना ने 126 विमान मांगे थे तो सिर्फ 36 विमान क्यों मंगाए जा रहे हैं? इस सौदे को लेकर सरकार के भीतर भी आपत्ति थी, क्योंकि एक फाइल में लिखा है कि रक्षा मंत्रालय ने सौदे पर आपत्ति जताई थी।” उन्होंने कहा कि 2019 के आम चुनावों के बाद कांग्रेस की सरकार आई तो इस मामले की आपराधिक जांच होगी और दोषियों को सजा दिलाई जाएगी। साथ ही उन्होंने रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण से इस सौदे को लेकर विपक्ष की ओर से उठाए गए सवालों का जवाब देने की अपील भी की।
फैसला संसद में ही होगा
लोकसभा में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने यह मामला उठाया। खड़गे और विपक्ष के अन्य नेताओं ने इस मसले पर रक्षा मंत्री से जवाब देने की मांग भी की। खड़गे ने कहा कि राफेल सौदे में प्रधानमंत्री ने अपने चहेते आदमी को फायदा पहुंचाया है। हम पहले से ही कह रहे हैं कि इसका फैसला सु्प्रीम कोर्ट में नहीं होगा। इसका फैसला जनता की अदालत यानी संसद में ही होगा। सरकार कोर्ट के फैसले की आड़ में अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है।
बेंचमार्क प्राइस क्यों बढ़ाया?
उन्होंने कहा कि हम रिलायंस और भाजपा के करीबी लोगों के आंकड़ों के आधार पर कह रहे हैं कि यह 1 लाख 30 हजार करोड़ रुपये का घोटाला है। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को गुमराह करते हुए गलत हलफनामा पेश है। राफेल सौदे पर देश को झूठी जानकारी किसने दी और प्रधानमंत्री चर्चा से क्यों भाग रहे हैं इसकी जांच के लिए जेपीसी का गठन होना चाहिए। खड़गे ने कहा कि आखिर बेंचमार्क प्राइस पीएम ने क्यों बढ़ाया इसका जवाब देश को मिलना चाहिए।