मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने आज कहा कि सभी केंद्रीय विश्वविद्यालय अपने परिसर में प्रमुख स्थान पर 207 फुट उंचाई पर राष्ट्रीय ध्वज लगाएंगे। मंत्रालय द्वारा यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में कथित भारत विरोधी प्रदर्शनों को लेकर देश भर में एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। इस संबंध में अधिकारियों ने कहा कि स्मृति ईरानी के नेतृत्व वाले एचआरडी मंत्रालय द्वारा सूरजकुंड में बुलाई गई कुलपतियों की बैठक में इस संबंध में सर्वसम्मति से फैसला किया गया। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, विश्वविद्यालय परिसरों में राष्ट्र ध्वज लगाने का एक प्रस्ताव आया जिसे बैठक में स्वीकार किया गया। अधिकारियों ने बताया कि यह प्रस्ताव जेएनयू पर भी लागू है क्योंकि वह भी एक केंद्रीय विश्वविद्यालय है।
आदेश में कहा गया है कि सभी सेंट्रल यूनिवर्सिटी 207 फीट लंबे पोल पर तिरंगा झंडा लगाएंगे। बताया जा रहा है कि इसकी शुरुआत जेएनयू से हो सकती है। सूत्रों ने कहा कि उच्च शिक्षा के संस्थानों के छात्रों के बीच एकता एवं सौहार्द की भावना पैदा करने के लिए यह कदम उठाया गया है। हैदराबाद विश्वविद्यालय में दलित शोधार्थी रोहित वेमुला की मौत पर बवाल और वंचित वर्गों की समस्याएं सामने आने के बाद मंत्रालय ने कुलपतियों की यह बैठक बुलाई थी। बैठक में बिहार यूनिवर्सिटी के वीसी के इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी गई है। मिली जानकारी के बाद सबसे पहला राष्ट्रध्वज जेएनयू में ही फहराया जाएगा।