आकार पटेल इसके लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराते हैं। उनका कहना है कि महिलाओं को न्याय दिलवाना राज्य सरकार की जिम्मेदारी थी। गौरतलब है कि दंगों में कुल आठ महिलाओं के साथ गैंग रेप की घटना हुई थी। आकार पटेल का कहना है कि सरकार इन महिलाओं को यहां तक सहयोग नहीं कर पाई है कि इन महिलाओं को अपराधियों की धमकियों से बचा सके। इस मौके पर वकील और सामाजिक कार्यकर्ता वंदा ग्रोवर ने कहा कि यह पहला मामला है जहां भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (2) एफआईआर में लागू किया गया है। क्योंकि यह कानून संशोधित कर दिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि इन महिलाओं के मामलों को जानबूझकर आगे नहीं बढ़ाया जा रहा है।
एमनेस्टी ने मुजफ्फरनगर बलात्कार पीड़ितों पर रिपोर्ट जारी की
एमनेस्टी इंटरनेशनल की भारतीय ईकाई ने वर्ष 2013 में मुजफ्फनगर दंगों में हुए कथित बलात्कार में सुनवाई को लेकर हो रहे विलंब पर रिपोर्ट जारी की। इसके प्रमुख आकार पटेल ने कहा कि निर्भया बलात्कार मामले के बाद बलात्कार संबंधी कानून में जो बदलाव किए गए थे हम कानूनों की बात न भी करें तो दंगों में इन बलात्कार पीड़ित महिलाओं को मौलिक न्याय भी नहीं मिला है।
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