केजरीवाल ने तो एक कदम आगे बढ़ते हुए दिल्ली एमसीडी चुनाव में बैलट पेपर के इस्तेमाल की मांग भी कर दी है। हालांकि कभी केजरीवाल के गुरु रहे अन्ना हजारे इससे सहमत नहीं हैं। अन्ना ने कहा है कि ऐसी बात करना समय में पीछे लौटने जैसा है।
अन्ना हजारे ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा, 'विज्ञान और तकनीक इतनी डिवेलप हो रही है। दुनिया प्रगति पथ पर है और हम बैलट पेपर की बात कर पीछे लौट रहे हैं। बैलट पर जब चुनाव होता है तो पहले वोटर के साइन, अंगूठे लगवाने में काफी समय लगता है। फिर वोटर जब वोटिंग करने को जाता है तो उसे फोल्ड कर पेपर में डालना होता है। इसके बाद गिनती में भी काफी समय चला जाता है। ईवीएम में इतना समय नहीं जाता। वोट करते समय भी वक्त नहीं लगता।'
हालांकि अन्ना ने ईवीएम से जुड़ी एक समस्या भी बताई। अन्ना ने कहा कि ईवीएम से वोटों की काउंटिंग के बाद यह स्पष्ट तौर पर पता चल जाता है कि किस इलाके से किसको कितने वोट मिले हैं। अन्ना इसमें बदलाव की मांग करते नजर आ रहे हैं। अन्ना का कहना है कि आज की मशीन में बदलाव कर टोटलाइजर मशीन का इस्तेमाल होना चाहिए।
अन्ना हजारे ने ईवीएम से जुड़े विवाद पर कहा, 'बैलट से वोटिंग करने के बाद हम सब वोट की पेटियां इकट्ठा करते थे और गिनती करते। इसमें काफी वक्त लगाता। टोटलाइजर मशीनें ऐसी हैं कि सारे वोट मिक्स हो जाएंगे। किस एरिया में किसे वोट मिला कोई जान नहीं पाएगा। हम लोग चुनाव आयोग को कई बार लिख चुके हैं। चुनाव आयोग ने भी सरकार से इस मशीन को खरीदने की मांग की है। सरकार अभी ऐसा नहीं कर पाई है।
इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर ईवीएम पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि पंजाब विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) के वोट अकाली दल गठबंधन और कांग्रेस को ट्रांसफर किए गए। केजरीवाल ने आरोप लगाया कि ईवीएम में छेड़छाड़ की गई।
केजरीवाल ने विधानसभा चुनाव में हार पर दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, हर सर्वे में आप की जीत की भविष्यवाणी की गई थी। लेकिन हम दूसरे नंबर पर चले गए। सबलोग मानकर चल रहे थे कि पंजाब में अकाली गठबंधन को हराने के लिए लोगों ने जमकर वोट डाले लेकिन इसके बावजूद गठबंधन को 30% वोट कैसे मिल गए। पंजाब के लोग तक मानकर चल रहे थे कि यहां आप जीत रही है, लेकिन हमें केवल 25% वोट ही मिले, आखिर ऐसा कैसे हो गया कि अकाली गठबंधन से करीब 6% वोट हमें कम मिले?