सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आसाराम मामले में सुनवाई करते हुए गुजरात सरकार से पूछा कि मामले की सुनवाई में देरी क्यों हो रही है? साथ ही, पीड़ित को अभी तक एक्जमाइन न करने पर भी सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से सवाल किए हैं। इस मामले में कोर्ट ने गुजरात सरकार को शपथपत्र दाखिल करने का आदेश दिया है।
Asaram Bapu rape case in Gujarat: SC also asked the Gujarat Govt as to why the victim in the particular case has not been examined till now
— ANI (@ANI) August 28, 2017
Asaram Bapu rape case in Gujarat: Supreme Court questions #Gujarat government for slow trial in the case.
— ANI (@ANI) August 28, 2017
दरअसल, इससे पहले नाबालिग से रेप का मामले में 12 अप्रैल 2017 को सु्प्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार से कहा था कि आसाराम के खिलाफ ट्रायल को लटकाए न रखे। इस मामले में संभव हो सके तो गवाहों के बयान दर्ज कराए जाएं क्योंकि आसाराम लंबे वक्त से जेल में है।
वहीं, इस पर गुजरात सरकार की ओर से कहा गया था कि इस मामले में गवाहों को लेकर तेजी से कार्रवाई चल रही है। 29 गवाहों के बयान दर्ज हो चुके हैं और 46 के बयान दर्ज होना बाकी हैं। इस बीच दो गवाहों की हत्या कर दी गई और कई जख्मी हुए हैं।
इसके बाद, साल 2013 से जेल में बंद आसाराम की ओर से सुप्रीम कोर्ट में कहा गया था कि कोर्ट सरकार को आदेश दे कि गवाहों के बयान दर्ज कराने की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए। आसाराम ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत की अर्जी लगाई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अर्जी को ठुकराते हुए कहा था कि जब तक केस के गवाहों के बयान ट्रायल कोर्ट में दर्ज नहीं हो जाते, वो मामले की सुनवाई नहीं करेगा।
क्या है मामला
जोधपुर पुलिस ने आसाराम बापू को तीन अगस्त 2013 को गिरफ्तार किया था। इसके बाद से ही बाबा जेल में हैं। सूरत की एक महिला ने बाबा पर यौन शोषण का आरोप लगाया था। महिला के मुताबिक, अहमदाबाद के पास बने एक आश्रम में बाबा ने 1997 से 2006 के बीच उसका कई बार यौन शोषण किया था।