- अफरीदा हुसैन
असम के कई जिले बाढ़ की त्रासदी झेल रहे हैं। ऐसे में कई सामाजिक संगठन मुसीबत की इस घड़ी में लोगों के बीच राहत सामग्री बांट रहे हैं। आरोप हैं कि इन सबके बीच बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद ने बाढ़ पीड़ितों के बीच एक्सपायरी सामान बांट दिए थे।
असम के स्थानीय टीवी चैनल टाइम 8 के एक वीडियो के मुताबिक पतंजलि ने माजुली जिले में करीब 12 लाख रुपये मूल्य की सामग्री भेजी थी। इनमें से अधिकांश एक्सपायरी डेट का सामान था। वहां स्थानीय मीडिया में यह खबर भी आई कि इन सामानों को इस्तेमाल करने के बाद कई लोग बीमार पड़ गए। टीवी के मुताबिक, लोगों की शिकायत थी कि दूध पाउडर और जूस एक्सपायरी डेट के थे।
इस पर माजुली के डिप्टी कमिश्नर पल्लव गोपाल झा ने OUTLOOK को बताया कि जिला प्रशासन ने पतंजलि को चिट्ठी लिखी है और उनसे सामग्री को वापस लेने और नष्ट करने को कहा है। उन्होंने कहा, 'अगर कंपनी ऐसा नहीं करती है तो सामग्री को सील कर दिया जाएगा। ऐसी खबरें हैं कि कई लोग खाद्य सामग्री को खाने के बाद बीमार पड़ गए। हमने मामले में पूछताछ शुरू कर दी है।'
72,000 की जनसंख्या वाला माजुली इस साल बाढ़ से प्रभावित होने वाले पांच जिलों में से एक है। पतंजलि के जिला प्रभारी रोहित बरुआ ने 30 अगस्त को जिला प्रशासन के नाम एक चिट्ठी लिखी थी, जिसमें मदद के लिए गाइडेंस देने को कहा गया था। बरूआ ने राहत सामग्री पहुंचाने में प्रशासन की मदद ली। 12,30,000 का सामान इस वक्त पेंशनर भवन में रखा है।
31 अगस्त को जिला प्रशासन ने जवाब में लिखा कि इनमें से ज्यादातर सामान रिलीफ कैंप तक पहुंचते पहुंचते एक्सपायर हो जाएगा।
झा ने बताया कि प्रशासन ने इसकी आज्ञा नहीं दी थी क्योंकि ज्यादातर में सितंबर की एक्सपायरी डेट थी।
बरुआ ने OUTLOOK को बताया कि उन्होंने पतंजलि के वरिष्ठ लोगों को इसकी सूचना दे दी है। वहीं इस बात से स्थानीय लोग भी काफी नाराज हैं।
इससे पहले भी पतंजलि कंपनी अपने प्रोडक्ट के चलते चर्चा में आई है। पिछले हफ्ते दिल्ली हाई कोर्ट ने पतंजलि को आदेश दिया कि वह अपने साबुन का प्रचार ना करे। इसमें डेटॉल कंपनी की तरफ से कहा गया था कि साबुन के प्रचार में पतंजलि ने डेटॉल की गलत छवि दिखाई है।
जून में नेपाल ड्रग प्रशासन ने पतंजलि से 6 प्रोडक्ट वापस लेने को कहा था। ये प्रोडक्ट उत्तराखंड की दिव्य फार्मेसी में बनाए गए थे।
(यह मूल रिपोर्ट OutlookIndia.com पर प्रकाशित हुई थी। यह उसका हिंदी अनुवाद है। मूल खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें https://www.outlookindia.com/website/story/assam-floods-after-patanjali-sends-expired-products-as-relief-administration-ask/301743 )