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अगस्ता वेस्टलैंड मामलाः कोर्ट ने मिशेल की जमानत याचिका पर ईडी-सीबीआई से मांगा जवाब

अगस्‍ता वेस्‍टलैंड मामले में कथित बिचौलिये क्रिश्‍चियन मिशेल ने दिल्‍ली की पटियाला हाउस कोर्ट...
अगस्ता वेस्टलैंड मामलाः कोर्ट ने मिशेल की जमानत याचिका पर ईडी-सीबीआई से मांगा जवाब

अगस्‍ता वेस्‍टलैंड मामले में कथित बिचौलिये क्रिश्‍चियन मिशेल ने दिल्‍ली की पटियाला हाउस कोर्ट में जमानत जाचिका दायर की है। अदालत ने इस पर ईडी और सीबीआई से 12 फरवरी तक जवाब मांगा है। 

उधर, कोर्ट ने मामले में आरोपी राजीव सक्सेना की हिरासत अवधि चार दिनों के लिए बढ़ा दी है। इससे पहले दुबई के कारोबारी राजीव दीक्षित की हिरासत अवधि पहले ही बढ़ चुकी है। अगस्ता वेस्‍टलैंड डील में राजीव दीक्षित कथित तौर पर सह-आरोपी है। गौतम खेतान ने भी जमानत के लिए याचिका दायर की थी, जिस पर कोर्ट ने ईडी से 15 फरवरी तक जवाब मांगा है। इसके बाद गौतम खेतान को 20 फरवरी तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। 

आरोप-पत्र दायर नहीं करने की दी दलील

मिशेल ने जमानत याचिका में कहा है कि दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 167 (2) के तहत निर्धारित 60 दिनों की अवधि के भीतर उसके खिलाफ आरोप पत्र दायर नहीं किया गया। मामले में जांच पूरी हो चुकी है इसलिए न्यायिक हिरास्त में रखने का कोई आधार नहीं है।

प्रत्यर्पण कर लाया गया था भारत

पिछले साल 22 दिसंबर को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की सरकार ने प्रत्यर्पण के जरिए ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन मिशेल को भारत को सौंपा था। आरोप है कि मिशेल ने 3,600 करोड़ रुपये के वीवीआईपी हेलिकॉप्टर डील में बिचौलिये की भूमिका निभाई थी। मिशेल को पांच जनवरी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। 

 ये थी डील

2010 में भारतीय वायुसेना के लिए 12 वीवीआईपी हेलि‍कॉप्टर खरीदने के लिए एंग्लो-इतालवी कंपनी अगस्ता-वेस्टलैंड और भारत सरकार के बीच करार हुआ था। जनवरी 2014 में भारत सरकार ने 3600 करोड़ रुपये के करार को रद्द कर दिया। आरोप था कि इसमें 360 करोड़ रुपये का कमीशन लिया गया। इसके बाद भारतीय वायुसेना को दिए जाने वाले 12 एडब्ल्यू-101 वीवीआईपी हेलिकॉप्टरों की सप्लाई के करार पर सरकार ने फरवरी 2013 में रोक लगा दी थी। जिस वक्त यह आदेश जारी किया गया, भारत 30 फीसदी भुगतान कर चुका था और बाकी तीन अन्य हेलिकॉप्टरों के लिए आगे के भुगतान की प्रक्रिया चल रही थी।

यह मामला इटली की अदालत में चला जिसमें ये बातें उजागर हुईं कि 53 करोड़ डॉलर का ठेका पाने के लिए कंपनी ने भारतीय अधिकारियों को 100-125 करोड़ रुपये तक की रिश्वत दी थी। इतालवी कोर्ट के फैसले में पूर्व आईएएफ चीफ एस.पी. त्यागी का भी नाम सामने आया था।

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