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बाबरी विध्वंस मामले में अडवाणी, उमा और जोशी को राहत नहीं, कोर्ट ने दिए पेश होने के आदेश

बाबरी विध्वंस मामले की सुनवाई में जुटी सीबीआई की विशेष अदालत ने भाजपा नेता लाल कृष्ण अडवाणी, केंद्रीय मंत्री उमा भारती और मुरली मनोहर जोशी को 30 मई से पहले कोर्ट में पेश होने के लिए कहा है। वहीं, मामले से जुड़े सभी आरोपियों को भी 30 मई को पेशी के लिए मौजूद रहना होगा।
बाबरी विध्वंस मामले में अडवाणी, उमा और जोशी को राहत नहीं, कोर्ट ने दिए पेश होने के आदेश

सीबीआई कोर्ट 1992 में अयोध्या में विवादित ढांचे को ध्वस्त किए जाने में साजिश को लेकर पूर्व उप-प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी, कैबिनेट मंत्री उमा भारती, सांसद विनय कटियार, साध्वी ऋतंभरा और विष्णु हरि डालमिया के खिलाफ आरोप तय करेगी।

कोर्ट ने महंत नृत्य गोपाल दास, महंत राम विलास वेदान्ती, बैकुण्ठ लाल शर्मा उर्फ प्रेमजी, चंपत राय बंसल, धर्मदास और डॉ. सतीश प्रधान के खिलाफ आरोप तय करने की तारीख 25 मई तय की थी। सतीश प्रधान 24 मई को अदालत के समक्ष पेश हुए और उन्हें जमानत मिल गई।

वहीं इससे पहले बीते 20 मई को लखनऊ में रामविलास वेदांती समेत पांच लोगों ने स्पेशल सीबीआई कोर्ट में सरेंडर किया था। वेदांती के अलावा चम्पत राय, बीएल शर्मा, महंत नृत्य गोपालदास और धरम दास शामिल रहे। सभी सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में एक समन के बाद पहुंचे थे। कोर्ट ने पांचों आरोपियों को 20-20 के मुचलके पर जमानत दे दी थी। सतीश प्रधान अस्वास्थ्य होने के चलते कोर्ट में पेश नहीं हुए थे।

गौरतलब है कि अयोध्या में छह दिसंबर 1992 को विवादित ढांचा गिराए जाने के बाद दो एफआईआर दर्ज की गई थीं। एक एफआईआर थाना प्रभारी प्रियवंद नाथ शुक्ला की ओर से राम जन्मभूमि थाने में दर्ज कराई गई थी। दूसरी एफआईआर गंगा प्रसाद तिवारी ने दर्ज कराई थी।

 

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