संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आज राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने सदस्यों को आश्वासन दिया कि आधार योजना के तहत एकत्र किए गए आंकड़े पूरी तरह से सुरक्षित और गोपनीय हैं। आधार योजना के तहत एकत्र किए गए आंकड़ों की सुरक्षा को लेकर विभिन्न सदस्यों द्वारा जतायी गयी चिंता के बीच प्रसाद ने कहा कि ये आंकड़े बेंगलुरू और मानेसर स्थित डाटासेंटर में रखे गए हैं और ये आंकड़े पूरी तरह से कूट (इंक्रिप्टेड) रूप में होते हैं। उन्होंने कहा कि आंकड़े एकत्र करने में कोई विदेशी कंपनी शामिल नहीं है।
मंत्री ने कहा कि अब तक 99 करोड़ लोगों को आधार संख्या दिए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना तथा पीडीएस के तहत हजारों करोड़ रूपए की बचत हुई है। प्रसाद ने कहा कि जहां तक आंकड़ों की गोपनीयता का सवाल है, इसकी सुरक्षा के लिए पूरा ख्याल रखा गया है। उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति की सहमति के बाद भी उसके बायोमीट्रिक आंकड़े का खुलासा नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि अभी तक बायीमीट्रिक आंकड़ों के दुरूपयोग के संबंध में कोई शिकायत नहीं मिली है। उन्होंने आधार के संबंध में उच्चतम न्यायालय के फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि न्यायालय ने कुछ अंतरिम आदेश दिए हैं और यह मामला अभी एक संविधान पीठ के पास है। प्रसाद ने कहा कि आधार और इससे जुड़े मुद्दों के अनुरूप कानून बनाने के लिए सरकार ने एक विधेयक लोकसभा में तीन मार्च को पेश किया है और उसके बाद भारतीय राष्ट्रीय पहचान प्राधिकरण विधेयक 2010 को राज्यसभा से वापस ले लिया गया है।