साल 2018-19 के लिए गुरुवार को पेश हुए बजट में सबसे ज्यादा चर्चा किसानों की हुई। बजट भाषण की शुरुआत में ही वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यह कहकर सबको चौंका दिया कि रबी की अधिकांश फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) लागत से कम से कम डेढ़ गुना तय किया जा चुका है। आगामी खरीफ से सभी अधिघोषित फसलों का एमएसपी उत्पादन लागत से कम से कम डेढ़ गुना करने का फैसला लिया गया है।
सरकार के इस फैसले पर भारत में हरित क्रांति के जनक माने जाने वाले एमएस स्वामीनाथन ने भी खुशी जाहिर की है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, स्वामीनाथन ने कहा, “बजट के मुताबिक जिन फसल के लिए एमएसपी की घोषणा नहीं की गई है, उसके लिए उपज की लागत का 1.5 गुना मूल्य एमएसपी होगा। मुझे खुशी है कि 10 साल बाद इस फार्मूले की सिफारिश को सरकार ने स्वीकार कर लिया है। देर आए दुरुस्त आए। किसान अधिक खुश होंगे।”
Budget says that crops for which MSP is not announced, they will have MSP at 1.5 times cost of production. I am happy that after over 10 years that we recommended this formula,govt has accepted it. Better late than never. Farmers will be more happy: M.S. Swaminathan #Budget2018 pic.twitter.com/7MmOOuODBq
— ANI (@ANI) February 2, 2018
बता दें कि डॉ. एमएस स्वामीनाथन की अध्यक्षता वाले किसान आयोग (2004-2006) की रिपोर्ट इस एमएसपी की बात थी। स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश थी कि उपज की लागत पर 50 फीसदी मुनाफा जोड़कर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) दिया जाना चाहिए।