नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर असम सहित पूर्वोत्तर के राज्यों में जमकर विरोध प्रदर्शन हो रहा है। अब इसके विरोध में, हाल ही में भारत रत्न सम्मान के लिए चयनित स्व. भूपेन हजारिका के बेटे ने बड़ा फैसला कर लिया है। भूपेन हजारिका के बेटे ने विधेयक के विरोध में पिता का ‘भारत रत्न’ सम्मान लेने से इनकार किया है। बता दें कि भूपेन हजारिका को 25 जनवरी को ही मोदी सरकार ने सबसे बड़े पुरस्कार से नवाजने का ऐलान किया था।
भूपेन हजारिका के बेटे तेज हजारिका ने एक बयान जारी करते हुए कहा, '' पिता के नाम पर 'भारत रत्न' सम्मान लेने के लिए अभी तक मुझे कोई आमंत्रण प्राप्त नहीं हुआ है। भारत रत्न मिलना एक सम्मान की बात है। लेकिन सिटीजनशिप बिल ने कुछ ही दिनों में लोगों का जोश ठंडा कर दिया है।''
तेज हजारिका का कहना है कि नागरिकता को लेकर एक अलोकप्रिय बिल पास करने की योजना चल रही है। जिसके लिए उनके पिता के नाम का इस्तेमाल किया जा रहा है।
तेज ने साफ किया कि वह अपने पिता को दिया गया भारत रत्न तभी लेंगे जब केंद्र सरकार नागरिकता (संशोधन) विधेयक को वापस लेगी। यह बिल मंगलवार को राज्यसभा में पेश किया जा सकता है।
परिवार में एकमत नहीं
हालांकि परिवार इस पर एकमत नहीं है। भूपेन हजारिका के भाई समर हजारिका ने कहा, 'यह उनका (तेज का) निर्णय है, मेरा नहीं। खैर मुझे लगता है कि उन्हें भारत रत्न लेना चाहिए। वैसे भी इसमें बहुत देर हो चुकी है।' भूपेन हजारिका के भाई समर हजारिका और भाभी मनीषा हजारिका का साफ मत था कि भारत रत्न का अपमान नहीं करना चाहिए। हालांकि अमेरिका में रह रहे तेज हजारिका ने एक फेसबुक पोस्ट के जरिए स्थिति साफ की है। तेज हजारिका ने फेसबुक पोस्ट में लिखा, 'मेरा मानना है कि मेरे पिता के नाम का ऐसे समय इस्तेमाल किया गया जब नागरिकता (संशोधन) विधेयक जैसे विवादित बिल को अलोकतांत्रिक तरीके से लाने की तैयारी की जा रही है। यह भूपेन दा की उस विचारधारा के बिल्कुल खिलाफ है जिसका उन्होंने हमेशा समर्थन किया।’
असम में बिल का भारी विरोध
नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर खासकर असम में काफी समय से विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। विरोध के चलते कई लोगों को हिरासत में भी लिया गया। दरअसल, नागरिकता संशोधन विधेयक 2016 के तहत नागरिकता कानून 1955 में संशोधन कर पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए गैर मुस्लिम धार्मिक अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता दिए जाने की बात कही गई है। इसे लेकर लोगो का कहना है कि इससे उनकी सांस्कृतिक, भाषाई और पारंपरिक विरासत के साथ खिलवाड़ होगा।
कौन थे भूपेन हजारिका?
पूर्वोत्तर राज्य असम से ताल्लुक रखने वाले भूपेन हजारिका की पहाड़ी आवाज पूरे देश भर में गूंजती रही है। अपनी मातृभाषा भाषा असमिया के अलावा भूपेन हजारिका ने हिंदी, बंगला समेत कई अन्य भारतीय भाषाओं में गाने गाए। उन्होंने फिल्म 'गांधी टु हिटलर' में महात्मा गांधी का पसंदीदा भजन 'वैष्णव जन' गाया था। उन्हें पद्मभूषण सम्मान से भी सम्मानित किया गया था। 8 सितंबर 1926 में जन्मे हजारिका का निधन 5 नवंबर 2011 को हुआ था।