मजे की बात है कि इस सूची में बिहार का बिहारशरीफ, उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद तथा सहारनपुर, हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला जैसे छोटे-छोटे शहर तो हैं लेकिन पाटलीपुत्र नाम से मशहूर प्राचीन शहर पटना, सिलिकॉन नगरी बेंगलूरू तथा संस्कृति नगरी कोलकाता को इस लायक नहीं समझा गया है।
सूत्रों का कहना है कि चयन मानदंडों के आधार पर इन शहरों को चुना गया है और इसलिए इस सूची में बड़े शहरों को शुमार नहीं किया गया है। शहरी विकास मंत्रालय के मुताबिक, पहले चरण में केंद्र 20 शहरों का और अगले दो वर्षों में 40 शहरों का पुरुद्धार का काम करेगा। अगले पांच वर्षों के दौरान विकास केलिए इन शहरों को 500 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता दी जाएगी। वैसे केंद्र सरकार ने क्रमबद्ध तरीके से देश के सभी शहरों को विकसित करने की योजना बनाई है।