केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा की पूर्व उपाध्यक्ष और पंजाब की पूर्व स्वास्थ्य मंत्री लक्ष्मीकांता चावला ने आज जालंधर में एक बयान जारी कर कहा, देश में काले धन के प्रवाह को बंद करने के लिए केंद्र सरकार ने एक हजार और पांच सौ रूपये के नोटों को रद्द कर एक अच्छा काम किया है लेकिन देश की मौजूदा हालात देख कर ऐसा लगता है कि सरकार अभी इस निर्णय के लिए पूरी तरह तैयार नहीं थी। चावला ने कहा, सरकार ने बिना तैयारी के ही इस आशय की घोषणा कर दी है। मुझे लगता है कि सरकार को पहले बैंकों में पर्याप्त नोटों की आपूर्ति करानी चाहिए थी और उसके बाद मौजूदा नोटों का प्रचलन समाप्त किया जाता।
भाजपा की इस मुखर नेता ने कहा, जिन लोगों का पैसा बैंकों में जमा है उन्हें उनकी आवश्यकता अनुसार धन मिलने की व्यवस्था बैंकों में होनी चाहिए थी। एक दिन में चार हजार के निर्णय ने आवाम को भिखारी बना दिया है क्योंकि उन्हें रोज कतार में खड़ा होना पड़ता है। उन्होंने सलाह देते हुए केंद्र से कहा, बैंकों में और अधिक संख्या में काउंटर होने चाहिए। पर्याप्त संख्या में नोट, खास कर छोटे नोट होने चाहिए ताकि कठिनाईयों का सामना नहीं करना पड़े। इसके अलावा प्रति दिन दी जाने वाली राशि भी कम से कम दस हजार होनी चाहिए।