पूर्व राज्यसभा सांसद और देश के जाने-माने वकील राम जेठमलानी ने आरोप लगाया कि मोदी का इरादा कालाधन वापस लाने का नहीं है। उन्होंने कहा कि वह इस मुद्दे को आगे बढ़ाने के लिए पूरी ताकत के साथ काम करेंगे। जेठमलानी ने कहा कि मोदी ने मूर्ख बनाया है। कालेधन को वापस लाने का उनका कोई इरादा नहीं है। देखो कि बिहार में भाजपा और मोदी का क्या हुआ। यह पूरे देश में होगा। दिग्गज वकील ने इस बात पर भी हैरानी जताई कि जब जर्मन सरकार सूचना साझा करने के लिए तैयार थी तो फिर राजग सरकार ने काला धन जमा करने वालों का ब्यौरा हासिल करने में कोई रूचि क्यों नहीं दिखाई।
जेठमलानी ने कहा, मोदी ने मुझे भी गुमराह किया है। उन्होंने मुझसे कहा कि भारत के गरीबों के 90 लाख करोड़ रूपये चुराए गए और विदेशी बैंकों में जमा किए गए। उन्होंने अपनी चुनावी रैलियों में कहा कि काला धन वापस आने के बाद हर नागरिक को 15 लाख रूपये दिए जाएंगे। मैंने उन पर विश्वास किया क्योंकि मैं 2009 से उच्चतम न्यायालय में काले धन के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा था। जेठमलानी ने कहा कि जर्मन सरकार को लिसटेंस्टाइन बैंक के एक कर्मचारी से 1400 बैंक खातों की जानकारी मिली थी और स्विस बैंक एसोसिएशन ने कहा कि इनमें से ज्यादातर खाते भारतीयों के थे। लेकिन उसके बावजूद मोदी सरकार ने वहां से जानकारी हासिल करने का कोई प्रयास नहीं किया।