बांबे हाई कोर्ट की गोवा पीठ ने तहलका के पूर्व प्रधान संपादक तरुण तेजपाल की उस याचिका को आज खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने एक पूर्व महिला सहयोगी द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न और अन्य आरोपों को खारिज करने का आग्रह किया था।
न्यायमूर्ति नूतन सरदेसाई ने तेजपाल की ओर से दाखिल याचिका को खारिज कर दिया। तेजपाल पर 2013 में गोवा में एक कार्यक्रम के दौरान एक महिला का यौन उत्पीड़न करने का आरोप है।
इस संबंध में विस्तृत आदेश आज दिन में पढ़े जाने की संभावना है।
मापुसा की जिला अदालत पहले ही तेजपाल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 354 -ए (यौन उत्पीड़न), 376 (बलात्कार) और 376(2)(के) (महिला पर अधिकार या वर्चस्व की स्थिति में मौजूद पुरुष द्वारा महिला के साथ बलात्कार) के तहत आरोप तय कर मुकदमा शुरू कर चुकी है।
बाद में अपराध शाखा ने इन आरोपों में भारतीय दंड संहिता की धाराएं 341, 342, 376 (2) (एफ), 376 (सी) और 354 जोड़ीं ।
उच्च न्यायालय में तेजपाल की ओर से पेश हुए वकील प्रमोद कुमार दुबे ने पीटीआई से कहा, ‘‘जिस आदेश के तहत हमारी याचिका खारिज की गयी है, उसकी विस्तृत प्रति हमारे पास उपलब्ध नहीं है, इसलिए हमें कोई जानकारी नहीं है कि किस आधार पर अर्जी रद्द हुई है।’’
(पीटीआई से इनपुट)