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चीन के पानी रोकने से भारत को नुकसान नहीं- पी. स्टोबडन

चीन द्वारा ब्रह्मपुत्र की सहायक नदी को बंद करने से भारत को किसी भी प्रकार की मुश्किल का सामना नहीं करना पड़ेगा। क्योंकि जिस नदी के पानी को रोका गया है वह चीन के अधीन है और वह उसका उपयोग कर सकता है। इंस्टीट्यूट फॉर डिफेंस स्टडीज एंड एनालसिस में सीनियर फेलो और सेवानिवृत कूटनीतिज्ञ पी. स्टोबडन ने आउटलुक से खास बातचीत में कहा कि चीन अपने क्षेत्र में बहाव वाली नदियों पर अगर बांध बनाता है तो इससे भारत का क्यों नुकसान होगा।
चीन के पानी रोकने से भारत को नुकसान नहीं- पी. स्टोबडन

स्टोबडन ने कहा कि जिस तरह से भारतीय मीडिया में यह बताया जा रहा है कि ब्रह्मपुत्र के पानी को चीन ने रोक दिया है, यह गलत है। दरअसल चीन पहले से ब्रह्मपुत्र की सहायक नदी पर बांध बना रहा है। उसमें से कई ऐसी परियोजनाएं हैं जो पहले से ही चली आ रही हैं उसमें कुछ पूरी हो गई और कुछ पर काम चल रहा है। स्टोबडन के मुताबिक चीन अगर अपने अधीन आने वाले क्षेत्र में कुछ भी गतिविधि को करता है तो उससे भारत को क्या नुकसान होने वाला है। ब्रह्मपुत्र नदी में जो पानी आता है वह हिमालय के क्षेत्र से आता है और भारत में आने वाले पानी से चीन का कोई वास्ता नहीं है। क्योंकि भारतीय मीडिया इसे इस रूप में दिखा रहा है कि अगर बांध टूटता है तो अरुणाचल प्रदेश, असम में बाढ़ की स्थिति हो जाएगी जो बड़ा खतरा है। स्टोबडन कहते हैं कि अगर बांध नहीं बनेगा तो भी बाढ़ की स्थिति आ सकती है। इसलिए इस खतरों से निपटने के लिए भारत को ही उपाय करना होगा। इसमें चीन की कोई बड़ी भूमिका नहीं है।

चीन मामलों के विशेषज्ञ स्टोबडन कहते हैं कि बड़ी समस्या राजनीतिज्ञ है। कुछ लोग इसे उड़ी हमले से भी जोड़कर देख रहे हैं जो कि गलत है। क्योंकि चीन का बांध बनाना और पानी रोकना यह उसकी रणनीति का एक हिस्सा है इसे लेकर सियासत नहीं करना चाहिए। स्टोबडन के मुताबिक इस मुद्देको बिना वजह तूल देकर ध्यान भटकाने की भी कोशिश हो सकती है। क्योंकि ब्रह्मपुत्र का जो जल-प्रवाह भारत की ओर है उससे कोई बड़ा फर्क पड़ने वाला नहीं है।

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