मध्यप्रदेश में सरकार द्वारा नर्मदा नदी के संरक्षण के लिए चलाई जा रही नमामि देवी नर्मदे सेवा यात्रा से प्रेरणा लेते हुए देश के उत्तर पूर्वी राज्य असम में भी 31 मार्च से पांच दिवसीय नमामि ब्रह्मपुत्र अभियान चलाया जाएगा।
ब्रह्मपुत्र की एक सहायक नदी को बाधित कर भारत और पाकिस्तान के बीच पानी की लड़ाई में चीन के शामिल होने की खबरों को चीन की आधिकारिक मीडिया ने आज खारिज कर दिया। चीन ने कहा कि जल बंटवारे के लिए नई दिल्ली और बांग्लादेश के साथ बीजिंग एक संयुक्त बहुपक्षीय सहयोग तंत्र के लिए तैयार है।
चीन द्वारा ब्रह्मपुत्र की सहायक नदी को बंद करने से भारत को किसी भी प्रकार की मुश्किल का सामना नहीं करना पड़ेगा। क्योंकि जिस नदी के पानी को रोका गया है वह चीन के अधीन है और वह उसका उपयोग कर सकता है। इंस्टीट्यूट फॉर डिफेंस स्टडीज एंड एनालसिस में सीनियर फेलो और सेवानिवृत कूटनीतिज्ञ पी. स्टोबडन ने आउटलुक से खास बातचीत में कहा कि चीन अपने क्षेत्र में बहाव वाली नदियों पर अगर बांध बनाता है तो इससे भारत का क्यों नुकसान होगा।
भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के बीच चीन ने तिब्बत में ब्रह्मपुत्र की सहायक नदी का प्रवाह रोक दिया है। चीन की इस हरकत से भारत में चिंता पैदा हो सकती है क्योंकि इससे निचले बहाव वाले देशों में जल का प्रवाह प्रभावित होने की आशंका है।