एक सूत्र ने कहा, सरकार कुछ उद्योगों के नियोक्ताओं को कर्मचारियों को वेतन इलेक्ट्रानिक माध्यमों या चैक के जरिये करने के लिये वेतन भुगतान कानून, 1936 में संशोधन के लिये अध्यादेश ला सकती है। सूत्र ने कहा, इस संदर्भ में विधेयक 15 दिसंबर 2016 को लोकसभा में रखा गया। इसे अगले साल बजट सत्र में पारित कराया जा सकता है। अत: दो और महीने इंतजार करने के बजाए सरकार अध्यादेश ला सकती है और बाद में इसे संसद में पारित कराया जाएगा।
सरकार नये नियम को तत्काल क्रियान्वित करने के लिये कानून में संशोधन को लेकर अध्यादेश ला सकती है। अध्यादेश छह महीने के लिये ही वैध होता है। सरकार को इस अवधि में इसे संसद में पारित कराना होता है।
वेतन भुगतान (संशोधन) विधेयक 2016 में मूल कानून की धारा छह में संशोधन का प्रस्ताव करता है ताकि नियोक्ता अपने कर्मचारियों को चैक या इलेक्ट्रानिक रूप से सीधे उसके बैंक खातों में भेज सके।
श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने इससे संबंधित विधेयक लोकसभा में पेश किया है।
विधेयक में कहा गया है कि नई प्रक्रिया से डिजिटल और कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था का मकसद पूरा होगा।
भाषा