एक दिसंबर की प्रस्तावित तारीख पर फिल्म “पद्मावती” के रिलीज होने को लेकर सस्पेंस गहरा गया है। फिल्म के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों के बीच फिल्म निर्माताओं ने अपनी हरकत से सेंसर बोर्ड के प्रमुख प्रसून जोशी को भी नाराज कर दिया है। जोशी ने सेंसर बोर्ड के सर्टिफिकेशन देने से पहले कुछ लोगों के लिए फिल्म की प्राइवेट स्क्रीनिंग रखे जाने पर नाराजगी जताई है।
एएनआइ से बातचीत में जोशी ने कहा,"यह निराशाजनक है कि बोर्ड के फिल्म देखने और प्रमाण-पत्र जारी करने से पहले मीडिया के लिए फिल्म की स्क्रीनिंग रखी गई और राष्ट्रीय चैनलों पर इसकी समीक्षा की जा रही है। पद्मावती के मेकर्स एक तरफ सेंसर बोर्ड पर प्रमाणन प्रक्रिया में तेजी लाने का दबाव डाल रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ इस पूरी प्रक्रिया को ही कमतर आंककर एक अवसरवादी उदाहरण पेश कर रहे हैं।"
इससे पहले खबर आई थी कि सेंसर बोर्ड ने तकनीकी खामियों का हवाला देकर फिल्म वापस लौटा दी है। इस बाबत जोशी ने कहा,"रिव्यू के लिए इसी हफ्ते फिल्म का आवेदन बोर्ड को मिला। मेकर्स ने खुद माना कि एप्लिकेशन अधूरा था। फिल्म काल्पनिक है या ऐतिहासिक इसका डिसक्लेमर तक अंकित नहीं किया गया था। ऐसे में बोर्ड पर प्रक्रिया को टालने का आरोप लगाना सरासर गलत है।"
सेंसर बोर्ड के उच्च अधिकारियों ने एएनआइ को बताया,"जिस तरह फिल्म देखने के बाद लोग अपने व्यू दे रहे हैं उससे यह नहीं कहा जा सकता कि यह एक प्राइवेट स्क्रीनिंग थी। यह गलत है। पब्लिक और प्राइवेट स्क्रीनिंग में अंतर होता है। सेंसर बोर्ड मेकर्स के इस रवैए से बिल्कुल भी खुश नहीं है।"