गुटखा घोटाला मामले में मंगलवार को सीबीआई को बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। सीबीआई ने आज आज इस संबंध में तमिलनाडु खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारी ई शिवकुमार को गिरफ्तार किया है।
इससे पहले तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री और पुलिस महानिदेशक के आवासों समेत राज्य में करीब 40 स्थानों पर सीबीआई ने 5 सितम्बर को छापेमारी की थी।
जानें कब सामने आया था ये मामला
दरअसल गुटखा घोटाला 8 जुलाई, 2017 में सामने आया था। जब तमिलनाडु के आयकर विभाग ने पान मसाला और गुटखा के कई उत्पादक केंद्रों पर छापा मारा था। इसके साथ ही निर्माण प्रक्रिया से जुड़े लोगों के घरों पर भी छापे मारे गए। यह छापे 250 करोड़ की कर चोरी को लेकर मारे गए।
छापेमारी के दौरान अधिकारियों को एक डायरी मिली जिसमें स्वास्थ्य मंत्री सी विजयभास्कर और बाकी लोगों का नाम लिखा था। साथ ही निर्माताओं से रिश्वत लेने में उनकी भागीदारी बताई गई।
गुटखा कारोबारियों पर 250 करोड़ के टैक्स की हेराफेरी का आरोप
यह घोटाला पिछले साल जुलाई में उस वक्त उजागर हुआ था जब आयकर विभाग ने गुटखा कारोबार से जुड़े कारोबारियों के गोदाम और दफ्तरों में छापेमारी की थी। गुटखा कारोबारियों पर 250 करोड़ के टैक्स की हेराफेरी के आरोप थे।
क्या है मामला-
साल 2013 में तमिलनाडु सरकार ने गुटखा बैन कर दिया था। इसके बाद आरोप लगे थे कि गुटखा ब्रांड MSM का निर्माण जारी रखने के एवज में बड़े पुलिस अफसरों और कई अन्य विभाग के अफसरों ने रिश्वत लिए थे। आरोप है कि रिश्वत लेकर साल 2014-2016 तक मार्केट में गुटखे की सप्लाई जारी रखी गई। साल 2017 में गुटखा कारोबारियों के घर पर छापेमारी के दौरान इस घोटाले का पर्दाफाश हुआ था।