न्यायमूर्ति ठाकुर की संक्षिप्त प्रतिक्रिया उस वक्त आई जब उनसे कॉलेजियम की बैठकों में भाग लेने से न्यायमूर्ति जे. चेलमेश्वर के इनकार के बारे में पूछा गया था जिन्होंने इस आधार पर बैठक में भाग लेने से मना किया था कि कॉलेजियम एक अस्पष्ट और अपारदर्शी तरीके से काम कर रहा है।
न्यायाधीशों के चयन की कॉलेजियम प्रणाली के खिलाफ न्यायमूर्ति चेलमेश्वर की आलोचना सामने आने के एक दिन बाद सीजेआई ने पीटीआई से कहा, हम इसे सुलझा लेंगे। दिल्ली में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए न्यायमूर्ति ठाकुर ने इस संबंध में ज्यादा कुछ नहीं कहा।
प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय न्यायाधीशों की कॉलेजियम में शामिल और पांचवें सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति चेलामेश्वर कॉलेजियम की बैठक में नहीं आए जो गुरुवार को होनी थी। कॉलेजियम के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति ए.आर. दवे, न्यायमूर्ति जे.एस. खेहर और न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा हैं।
न्यायमूर्ति चेलामेश्वर ने न्यायमूर्ति ठाकुर को एक पत्र भी लिखकर कॉलेजियम की बैठकों में भाग लेने में अनिच्छा व्यक्त करते हुए इसके कई आधार बताये थे जिनमें यह भी शामिल है कि कॉलेजियम अस्पष्ट और अपारदर्शी तरीके से काम कर रहा है। न्यायमूर्ति चेलमेश्वर की अनुपस्थिति की वजह से कॉलेजियम की बैठक रद्द कर दी गई थी।
न्यायमूर्ति चेलमेश्वर ने एक अलग समारोह में कॉलेजियम के मुद्दे पर किसी भी प्रश्न का जवाब देने से इनकार कर दिया। उन्होंने आठवें विधि शिक्षक दिवस पर हाथ जोड़कर मीडियाकर्मियों से कहा, मुझसे इस तरह के प्रश्न पूछने के लिए यह उपयुक्त स्थान नहीं है। खबरों के मुताबिक न्यायमूर्ति चेलमेश्वर ने कहा था कि न्यायाधीशों के चयन की व्यवस्था में कोई कारण, कोई विचार रिकॉर्ड नहीं किया जाता और केवल दो लोग नाम तय करके बैठक में आते हैं और हां या नहीं के लिए पूछते हैं। उन्होंने सवाल किया कि क्या उच्चतम न्यायालय या उच्च न्यायालय के किसी न्यायाधीश का चयन इस तरीके से किया जा सकता है। (एजेंसी)