उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुए मामले ने एक बार फिर सरकार और आलोचनाओं के संबंध पर बहस खड़ा कर दिया है। दरअसल पुलिस ने 22 व्यापारियों के खिलाफ धारा 153 और 505 (जन भावनाएं और दंगा भड़काना) के तहत मुकदमा दर्ज किया है। इन व्यापारियों का कुसूर सिर्फ इतना था कि इन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जॉन्ग से करते हुए शहर में होर्डिंग्स लगाए थे। समाचार पत्र द हिंदू के मुताबिक व्यापारियों ने बैंकों द्वारा 10 रुपए के सिक्के न लिए जाने से परेशान होकर यह कदम उठाया था। गौरतलब है कि सरकार नोटबंदी और जीएसटी लागू करने के बाद आर्थिक मोर्चे पर लगातार घिरी हुई है। ऐसे में कहा जा रहा है कि व्यापारियों द्वारा विरोध जताने पर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने जैसे कदम कहीं न कहीं सरकार की बौखलाहट को दिखा रहा है।
क्या था होर्डिंग्स में?
इन होर्डिंग्स में एक तरफ तानाशाह किम जोंग की फोटो लगी है, जिसके कैप्शन में लिखा है, “मैं दुनिया को मिटा कर दम लूंगा।” दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की फोटो लगाई गई है जिसके कैप्शन में लिखा है, “मैं व्यापार को मिटा कर दम लूंगा।”12 अक्टूबर की सुबह ये होर्डिंग शहर में कई जगहों पर लगाई गई थी।
इनके खिलाफ एफआईआर
जिन 22 व्यापारियों का नाम इस होर्डिंग पर था, पुलिस ने उन सब के खिलाफ मामला दायर कर लिया है। मामले का मुख्य आरोपी राजू खन्ना को बनाया गया है, जिनकी फोटो पोस्टर पर लगी है।
ये थी वजह
राजू खन्ना का कहना है कि उनका उद्देश्य केवल व्यापारियों की समस्याओं पर सरकार का ध्यान खींचना था। नोटबंदी के बाद बाजार में बड़े नोट कम हो गए हैं। जिसके चलते उन लोगों के पास बड़ी तादाद में सिक्के आते हैं। बैंक बड़े पेमेंट दस रुपए के सिक्कों में नहीं लेते हैं, जिसके चलते उनका व्यापार बंद होने की कगार पर पहुंच रहा है।
लोकतांत्रिक अधिकार के बदले मुकदमा?
अब व्यापारी के साथ-साथ विपक्ष भी सरकार से यह पूछता दिखाई दे रहा है कि कैसे उनके द्वारा विरोध जताने के लोकतांत्रिक अधिकार को भी छिनने की कोशिश की जा रही है। सीपीआई(एम) नेता सीताराम येचूरी ने ट्वीट कर कहा, “इस सरकार के अंतर्गत व्यापारी पीड़ित हैं, और अब उनके लोकतांत्रिक अधिकार के बदले उनपर पुलिस केस किया जाना शर्म की बात है।”
Traders suffering under this govt, and now their democratic right to put up posters against Modi being met with police cases. Shame. #Kanpur pic.twitter.com/oy10G63p1Q
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) 14 October 2017
वहीं कांग्रेस ने ट्वीट किया, “कानपुर के व्यापारी अपने लोकतांत्रिक विचार रखने की वजह से दुर्भागयवश पतली चमड़ी वाली भाजपा के मुकदमे का शिकार हो गए।”
Kanpur traders unfortunately booked by thin-skinned BJP for being within their democratic right to have an opinion.https://t.co/vTogMtydPf
— Congress (@INCIndia) 16 October 2017