सुप्रीम कोर्ट ने निजता को नागरिकों का मौलिक अधिकार करार दिया है। आधार योजना को लेकर यह बहस शुरू हुई थी कि निजता मौलिक अधिकार है या नहीं? आधार योजना को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ताओं कहना था कि बायोमीट्रिक डाटा और सूचनाएं एकत्र करने से उनके निजता के अधिकार का हनन होता है। सुप्रीम कोर्ट के पहले के दो फैसलों में आठ न्यायाधीशों और छह न्यायाधीशों की पीठ कह चुकी है कि निजता का अधिकार मौलिक अधिकार नहीं है। जिसके बाद भारत सरकार और याचिकाकर्ताओं ने निजता के अधिकार का मामला बड़ी पीठ के द्वारा सुने जाने की अपील की थी। इस पर नौ जजों की संविधान पीठ ने सुनवाई की और अपना फैसला दिया। नौ जजों की संविधान पीठ ने 1954 और 1962 में दिए गए फैसलों को पलटते हुए गुरूवार को कहा कि निजता का अधिकार मौलिक अधिकार ही है।
इस पर कांग्रेस की तरफ से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए इसे आजादी की जीत बताया।
पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने एक प्रेस कांफ्रेंस में बोलते हुए कहा कि जिस आधार की हमने व्यवस्था की थी वो निजता के अधिकार के अनुरूप था। उन्होंने कहा कि आधार के कांसेप्ट में कोई दिक्कत नहीं है। दिक्कत ये है कि ये सरकार उसे किस तरह सही या गलत तरीके से इस्तेमाल करती है।
The Aadhar we conceived was perfectly compatible with the Right To Privacy: P.Chidambaram, Congress pic.twitter.com/Wffia30HgB
— ANI (@ANI) August 24, 2017
पी चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा कि इससे अनुच्छेद 21 को मजबूती मिली है। निजता का अधिकार मौलिक अधिकार है। 1947 में मिली आजादी और समृद्ध हुई है।
Privacy is a fundamental right. The freedom that was won in 1947 has been enriched and enlarged.
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) August 24, 2017
वहीं कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने इसे आजादी की जीत बताया। साथ ही यह भी कहा कि कोर्ट ने मोदी सरकार के निजता के अधिकार का हनन करने की कोशिशों को खारिज किया है।
Path breaking & seminal judgement of Supreme Court declares 'Privacy' as fundamental right. A great victory for liberty & freedom.1/2
— Randeep S Surjewala (@rssurjewala) August 24, 2017
उन्होंने कहा, यह उन लोगों के खिलाफ है जो भारत को एक फासिस्ट देश बना देना चाहते हैं।
#RighToPrivacy verdict is a blow to the creeping advances of those who want to convert India into a fascist police state.
— Randeep S Surjewala (@rssurjewala) August 24, 2017