जीके ने कहा कि सन 1984 का मसला सिखों के दिलों से जुड़ा है, इसलिए सिखों के प्रतिनिधि होने के नाते इस फाइल के गुम होने के तथ्यों का पता लगाने के लिए अकाली दल ने अदालत से लेकर सड़क तक लड़ाई लड़ने के सारे विकल्प खुले रखे हुए हैं। जीके के अनुसार दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल और कांग्रेस एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। दोनों ही सिखों के कातिलों को बचाने के लिए हर वो कोशिशें करते हैं जिससे सिखों को इंसाफ ना मिल सके।
उधर आप नेता संजय सिंह का कहना है कि सरकार के पास 1984 के दंगों संबंधी सभी फाइलें और दस्तावेज सुरक्षित हैं। दिल्ली सरकार को बदनाम करने के लिए यह अफवाह फैलाई जा रही है। संजय सिंह का कहना है कि अफवाह उड़ाने वालों में वे लोग शामिल हैं जो पंजाब में आम आदमी पार्टी को मिल रहे समर्थन को बर्दाश्त नहीं कर पा रही है।