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सरकारी महकमा और भ्रष्‍टाचार, दोषियों को हर हाल में मिले सजा

देश के सरकारी विभागों में भ्रष्‍टाचार एक आम बात है। कई बार सरकारी अधिकारियों के खिलाफ अवैध संपत्ति का मामला सार्वजनिक किया गया है। इसी क्रम में गत दिनों पंजाब में भी सीबीआई ने सरकारी अधिकारियों के भ्रष्‍टाचार को उजागर किया। यहां पिछले कुछ सालों में 800 सरकारी अधिकारी भ्रष्‍टाचार में संलिप्‍त पाए गए हैं।
सरकारी महकमा और भ्रष्‍टाचार, दोषियों को हर हाल में मिले सजा

इसमें 125 राजपत्रित अधिकारी शामिल हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इन सारेे अधिकारियों की वजह से पंजाब राज्‍य की सरकारी मशीनरी पर सवालिया निशान उठ गए हैं। अधिकांश अधिकारी तो रंगे हाथों रिश्‍वत लेते पकड़े गए हैं। अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई में जांच एजेंसी ने नगद एक करोड़ 31 लाख बरामद हुए हैं। सीबीआई ने 14 सरकारी अधिकारियों के खिलाफ अवैध संपत्ति का मामला दर्ज किया है। इसमें ग्रुप ए के छह अधिकारी हैं। तीन बी ग्रुप के तथा पांच सी ग्रुप के अधिकारी हैं। अधिकारियों के पास से जो अवैध संपत्ति मिली है, उसकी कीमत करीब 39 करोड़ है।

बाजार में इसकी कीमत करीब 250 करोड़ रुपए आंकी गई है। ऐसे भ्रष्‍टाचार के बीच देश की मोदी सरकार को भ्रष्‍टाचार के तौर तरीकों पर लगाम के लिए विशेष रणनीति अपनानी होगी। देश में अधिकांश सरकारी अधिकारी भ्रष्‍टाचार में संलिप्‍त होनेे के बाद भी कार्रवाई से किसी तरह बच जाते हैं। जिन पर हर हाल में कार्रवाई होनी चाहिए। वित्‍त मंत्री अरुण जेटली के अनुसार दोषियों पर वैधानिक कार्रवाई होनी चाहिए। इस तरह का भ्रष्‍टाचार हमारे वैधानिक तंत्र के लिए एक चुनौती है। इससे हम कड़ाई से निपटने की क्षमता रखते हैं।   

सीबीआई ने अपनी इस कार्रवाई में अवैध संपत्ति के दस्‍तावेज भी बरामद किए हैं। सीबीआई के अनुसार हिंदुस्‍तान हैंडी क्राफ़ट और हैंडलूम एक्‍सपोर्ट़स कारपोरेशन के डिप्‍टी जनरल मैनेजर के पास से ही 27 अवैध संपत्ति पाई गई है। जो मुंबई, ठाणे, नोएडा और गोरखपुर में हैं। 

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