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राष्ट्रपति ने फिर ठुकराई याकूब मेमन की दया याचिका

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बुधवार की देर रात याकूब मेमन की दया याचिका खारिज कर दी। राष्ट्रपति भवन से याचिका खारिज होने के बाद फांसी की सजा से बचने के सारे दरवाजे उसके लिए बंद हो चुके हैं। याकूब को गुरुवार की सुबह नागपुर में फांसी लगना अब लगभग तय है। हालांकि उसके वकीलों समेत देश के कई जाने माने वकीलों ने बुधवार की देर रात एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है। उधर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद नागपुर में याकूब की मृत्यु वारंट पर अमल करने की तैयारी शुरू हो चुकी है। आखिरी कोशिश के तहत प्रशांत भूषण समेत कई वकीलों ने चीफ जस्टिस से मिलने का समय मांगा।
राष्ट्रपति ने फिर ठुकराई याकूब मेमन की दया याचिका

मुंबई में 1993 में हुए बम धमाकों के दोषी याकूब मेमन को गुरूवार को नागपुर केंद्रीय कारागार में फांसी दिए जाने की उलटी गिनती शुरू हो गई है। ऐहतियात के तौर पर नागपुर में धारा 144 लगा दी गई है।

मेमन को टाडा अदालत के आदेशानुसार गुरूवार 30 जुलाई की सुबह फांसी दी जाएगी। 30 जुलाई को ही उसका 53वां जन्मदिवस भी है। मेमन को फांसी देने की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बुधवार की देर शाम सुरक्षा का जायजा लेने के लिए नागपुर केंद्रीय कारागार का दौरा किया।

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, कारागार मीरा बोरवांकर पुणे से नागपुर तैयारियों का जायजा लेने पहुंची। कारागार उप महानिरीक्षक राजेंद्र धामने और कारागार अधीक्षक योगेश देसाई ने उनका सहयोग किया। पुलिस आयुक्त एसपी यादव, संयुक्त पुलिस आयुक्त राजवर्धन और क्षेत्रीय उपायुक्त ईशू सिंधू ने शाम के समय कारागार का दौरा किया।

देसाई की निगरानी में ही पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल कसाब को पुणे की यरवदा जेल में फांसी दी गई थी।

कारागार परिसर के निकट पुलिस के त्वरित कार्रवाई दस्ते क्यूआरटी को तैनात किया गया है। सूत्रों के अनुसार किसी संभावित घटना के बारे में कोई खुफिया जानकारी नहीं मिली है, लेकिन पुलिस कोई ढील नहीं देना चाहती है। कारगार के निकट के इलाके में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 लगा दी गई है, जिसके तहत एक स्थान पर पांच या इससे अधिक व्यक्ति एकत्र नहीं हो सकते।

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