पिछले लोकसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश में भाजपा के 73 सीटें जीतने में जाटों के समर्थन का बड़ा योगदान था जिसके कारण पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पार्टी ने अपने विरोधियों का सफाया कर दिया था। इसके बाद हरियाणा विधानसभा चुनाव के समय भी इस तबके के एक हिस्से का समर्थन पार्टी को मिला जिसके कारण भाजपा अपने इतिहास में पहली बार इस राज्य में बहुमत हासिल कर सरकार बना पाई। अब जाट इस समर्थन की कीमत सरकारी नौकरियों में आरक्षण के रूप में चाहते हैं और हरियाणा की सड़कों पर फैली जाट आंदोलन की आग इसी से फैली है। भाजपा ने जाटों को ओबीसी कोटे में आरक्षण देने का वादा किया था मगर सुप्रीम कोर्ट द्वारा कांग्रेस की पूर्ववर्ती केंद्र सरकार द्वारा जाटों को दिए गए आरक्षण को रद्द करने के फैसले ने पार्टी को इस मसले पर संभलकर कदम उठाने के लिए मजबूर कर दिया। आमतौर पर कोई भी सरकार ऐसे आंदोलनों को आरंभ में ही सख्ती से दबा देती है मगर हरियाणा की भाजपा सरकार की मुसीबत यह है कि अगर उसने जाटों पर सख्ती की तो इसका असर उत्तर प्रदेश में होगा जहां जाटों के समर्थन के बूते पार्टी अगले साल सत्ता में आने का ख्वाब देख रही है। पार्टी की इस मजबूरी की वजह से आंदोलनकारियों पर सख्ती नहीं हो पाई और यह तूल पकड़ गया।
अब स्थिति यह है कि जाट आरक्षण की मांग को लेकर कई स्थानों पर शुक्रवार की रात हिंसा की घटनाएं और आगजनी हुई हैं। कुछ अज्ञात व्यक्तियों ने आज जींद जिले में बूढ़ा खेड़ा रेलवे स्टेशन में आग लगा दी। पुलिस ने बताया कि रेलवे स्टेशन में आग लगाने पर फर्नीचर, रिकॉर्ड रूम और अन्य सामान जल गया। यह स्टेशन जींद पानीपत रेल प्रखंड में आता है। जींद आरक्षण की मांग को लेकर चल रहे जाट आंदोलन से बुरी तरह प्रभावित जिलों में से एक है। स्थिति को काबू में करने के लिए सेना ने तनावग्रस्त क्षेत्रों में फ्लैग मार्च किया और रोहतक के विभिन्न इलाकों तक पहुंचने के लिए हेलीकाप्टर का उपयोग किया। राज्य के दो जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है और हिंसा करने वालों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए गए हैं। इसके बावजूद शनिवार की सुबह तक जाट रेल एवं सड़क मार्गों पर जमे हैं और उनके प्रदर्शन के कारण जनजीवन बाधित है। रोहतक, जींद, भिवानी और राज्य के कई अन्य हिस्सों में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। सरकार ने राज्य के नौ जिलों में सेना को उतारा है। भिवानी और रोहतक जिलों में कर्फ्यू लगाने के साथ ही देखते ही गोली मारने के आदेश दिए गए हैं। यह कदम जाटों के प्रदर्शन के हिंसक रुख अख्तियार करने के बाद उठाया गया। हिंसक प्रदर्शन में एक व्यक्ति की मौत हो गई और 25 अन्य घायल हो गए। इस बीच खबर है कि प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली को पानी की आपूर्ति करने वाले मूनक नहर के गेटों को जबरन बंद करा दिया है जिसके कारण दिल्ली में पानी की घोर कमी हो सकती है। हरियाणा में निषेधाज्ञा लागू होने के बावजूद रात भर कई जिलों में हिंसा और आगजनी की घटनाएं जारी रहीं जिनमें हिसार, झज्जर, जिंद, कैथल और पानीपत शामिल हैं। अब इन प्रदर्शनों में अराजक तत्वों के शामिल होने की बात भी कही जा रही है।
भिवानी में सेना ने शनिवार सुबह फ्लैग मार्च किया। प्रशासन ने लोगों से अपने घरों में ही रहने को कहा है। शुक्रवार रात तक सैकड़ों जाट युवकों के सड़कों पर लेट जाने के कारण सेना रोहतक में प्रवेश नहीं कर पाई तो उसने हवाई मार्ग का प्रयोग किया और हिंसाग्रस्त इलाकों में पहुंचने के लिए हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया।
उपद्रवी भीड़ ने कल कुछ पुलिस वालों को बंधक बना लिया था और राज्य के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु के आवास एवं कई सरकारी इमारतों में आग लगा दी थी। इसके अलावा रोहतक, झज्जर, हांसी और कई स्थानों पर निजी संपति को नुकसान पहुंचाया गया। पूरे राज्य में स्कूलों को बंद कर दिया गया है और सभी जिलों में इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी हैं ताकि अफवाहों पर अंकुश लगाया जा सके। कल एक प्रदर्शनकारी की उस समय मौत हो गई जब बीएसएफ के जवान ने उपद्रवी भीड़ द्वारा गोली चलाए जाने के बाद आत्मरक्षा में गोली चला दी। इस घटना में बीएसएफ का एक जवान घायल है।
दिल्ली-अंबाला, दिल्ली-अमृतसर तथा और कई मार्गों पर रेल सेवा गंभीर रूप से प्रभावित हुई है। कुल 37 ट्रेनें रद्द की गई है जबकि 22 आंशिक रूप से रद्द करनी पड़ी है। सभी राजनीतिक दलों ने जाटों से विरोध प्रदर्शन वापस लेने की अपील की है लेकिन जाटों ने इस अपील को अस्वीकार कर दिया है।