प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की कई गाड़ियों में तोड़फोड़ की और कुछ को आग के हवाले कर दिया। हालात इतने बिगड़ गए कि सीएम ममता बनर्जी को सेना बुलानी पड़ी। ममता बनर्जी ने गोरखा जनमुक्ति मोर्चा की हड़ताल को अवैध करार दिया है।
गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के समर्थकों ने पश्चिम बंगाल के स्कूल में दसवीं तक बांग्ला भाषा को अनिवार्य बनाए जाने के खिलाफ गुरूवार को जमकर उत्पात मचाया गया। हालांकि पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में कल की हिंसा के बाद शुक्रवार को कोई हिंसा की कोई खबर नहीं आई है लेकिन तनाव बना हुआ है। सेना प्रवक्ता के अनुसार, दार्जीलिंग में सेना की दो टुकड़ियों (प्रत्येक में 80 जवान) को भेजा गया है।
तृणमूल कर रही शांति भंग: जीजेएम
जीजेएम ने तृणमूल कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वे अपनी ‘‘फूट डालो राज करो की नीति’’ के तहत दार्जीलिंग की शांतिभंग करने की कोशिश कर रहे हैं। जीजेएम महासचिव रोशन गिरि ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘टीएमसी व्यवस्थित तरीके से पुलिस और अपने गुंडों का इस्तेमाल कर पहाड़ों पर शांति भंग कर रही है। आज पुलिस ने बिना उकसावे के लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े।’
बांग्ला भाषा को अनिवार्य विषय नहीं बनाया गया: ममता
प.बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने जीजेएम के प्रदर्शन पर कहा, ‘‘उनके पास लोकतांत्रिक अधिकार है। उन्हें ऐसा करने दीजिये। उनके पास कोई मुद्दा नहीं है. विकास के लिये प्रतिस्पर्धा होने दीजिये।’’ ममता ने कहा कि बांग्ला भाषा को स्कूलों में अनिवार्य विषय नहीं बनाया गया है।
नेता विपक्ष ने लगाया धोखे का आरोप
विधानसभा में नेता विपक्ष अब्दुल मन्नान ने ममता बनर्जी पर झूठा वादा कर पहाड़ी लोगों से धोखा करने का आरोप लगाया। वहीं माकपा के प्रदेश सचिव सूर्यकांत मिश्रा ने कहा, ‘‘पहाड़ पर स्थिति चिंता का विषय है।’’