वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आपराधिक मानहानि की शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया है कि केजरीवाल के अलावा आशुतोष, कुमार विश्वास, संजय सिंह, राघव चड्ढा और दीपक बाजपेई ने दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) से जुड़े एक विवाद में उनकी मानहानि की थी। जेटली ने करीब एक दशक तक डीडीसीए का नेतृत्व किया था। जेटली ने दिल्ली हाई कोर्ट में इन नेताओं के खिलाफ दीवानी मानहानि का मुकदमा भी दायर किया है और नुकसान की भरपाई के तौर पर 10 करोड़ रुपये की मांग की है।
न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने जेटली को आज नोटिस जारी किया और निचली अदालत की टिप्पणी के खिलाफ केजरीवाल की याचिका के संबंध में उनका जवाब मांगा। हाई कोर्ट इस मामले पर 13 जुलाई को सुनवाई करेगा।
निचली अदालत ने केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के पांच अन्य नेताओं की अर्जी खारिज करते हुए कहा था कि इसमें कोई दम नहीं है, यह बदनीयती और मुकदमे की सुनवाई रोकने के एकमात्र उद्देश्य से दायर की गई है। निचली अदालत ने 30 जनवरी 2017 को उनकी अर्जी खारिज कर दी थी।
केजरीवाल ने एक अन्य याचिका दायर की थी जिसमें दावा किया था कि जेटली ने अपने आपराधिक मानहानि मामले में उन्हें और अन्य आप नेताओं को जिन कथित बयानों के लिए जिम्मेदार ठहराया है, वे अपमानजनक नहीं थे। केजरीवाल के वकीलों ने दलील दी थी कि जिन टिप्पणियों के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया गया था, वे समाचार प्रकाशनों और सोशल मीडिया के उद्धरणों से ली गई थी। बहरहाल, केजरीवाल के वकील ने उन समाचार रिपोर्टों या सोशल मीडिया उद्धरणों को पेश नहीं किया। अदालत ने उन्हें उनकी याचिका के पक्ष में 22 मई तक दस्तावेज दायर करने का समय दिया।