दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रितेश सिंह इस मामले में फैसला सुनाया। मामले में तारिक अहमद डार, मोहम्मद हुसैन फाजिल और मोहम्मद रफीक शाह अभियुक्त थे। तारिक को दस साल की सजा सुनाई गई है।
गौरतलब है कि दिल्ली में यह धमाका साल 2005 में दिवाली से पहले हुए थे। इन सीरियल धमाकों में 60 लोगों की मौत हुई थी और 200 से ज्यादा घायल हुए थे। धमाकों की जांच में इनके तार आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े थे।
सीरियल धमाकों के लिए तारिक अहमद डार, मोहम्मद हुसैन फाजिल और मोहम्मद रफीक शाह पर धमाकों की साजिश रचने का आरोप था। ऐसा माना भी जा रहा था कि इन धमाकों का मास्टरमाइंड तारिक अहमद डार है, जोकि लश्कर का ऑपरेटिव था।
कोर्ट ने इस मामले में तीनों आरोपियों पर देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने, आपराधिक साजिश रचने, हत्या, हत्या के प्रयास और हथियार जुटाने के आरोप तय किए थे। दिल्ली पुलिस ने तारिक के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी।
बारह साल पहले हुए सीरियल ब्लास्ट में पहले 13 फरवरी को फैसला आना था, लेकिन बाद में फैसले की तारीख 16 फरवरी तय की गई। भाषा
सीरियल बम ब्लास्ट मामला : एक दोषी को दस साल की सजा, दो आरोपी बरी
पटियाला हाउस कोर्ट ने आज दिल्ली के बारह साल पुराने सीरियल बम ब्लास्ट मामले में फैसला सुनाते हुए आरोपी तारिक अहमद डार को दोषी करार दिया जबकि दो अन्य आरोपियों मोहम्मद हुसैन फाजिल और मोहम्मद रफीक शाह को बरी कर दिया।
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