नई दिल्ली। मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी के खिलाफ कथित तौर पर अपनी शैक्षणिक योग्यता के बारे में गलत सूचना देने संबंधी शिकायत पर दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत ने संज्ञान लेने का फैसला किया है। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट आकाश जैन ने चुनावी हलफनामों में ईरानी द्वारा शैक्षणिक योग्यता को लेकर गलत जानकारी देने की शिकायत पर संज्ञान लिया और इस मामले में समन करने से पूर्व गवाही दर्ज कराने के लिए 28 अगस्त की तारीख निर्धारित की है।
मजिस्ट्रेट ने कहा, यह व्यवस्था दी जाती है कि इस मामले में वर्तमान शिकायत मियाद के अंदर ही दायर की गई है। इस पर संज्ञान लिया जाता है। इस मामले में समन से पूर्व गवाही दर्ज कराने के लिए अब यह मामला 28 तारीख के लिए निर्धारित किया जाता है। स्वतंत्र पत्रकार अहमर खान ने यह शिकायत दायर की है। इसमें आरोप लगाया गया है कि ईरानी ने लोकसभा और राज्यसभा की उम्मीदवारी के दौरान नामांकन भरते समय चुनाव आयोग के समक्ष तीन हलफनामों में अपनी शैक्षणिक योग्यता के बारे में अलग अलग ब्यौरा दिया है।
खान की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता के के मनन ने अदालत को बताया कि अप्रैल 2004 में लोकसभा चुनाव के लिए अपने हलफनामे में कहा था कि उन्होंने 1996 में दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल आॅफ काॅरस्पाॅन्डेंस से बीए किया जबकि 11 जुलाई 2011 को गुजरात से राज्यसभा चुनाव के लिए एक अन्य हलफनामे में उन्होंने कहा कि उनकी सर्वोच्च शैक्षणिक योग्यता बीकाम पार्ट वन है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि 16 अप्रैल 2014 को उत्तर प्रदेश की अमेठी सीट से लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन के संबंध में अपने हलफनामे में स्मृति ईरानी ने कहा था कि उन्होंने डीयू के स्कूल आफ ओपन लर्निंग से बैचलर आफ कामर्स पार्ट वन पूरा किया है।
शिकायत में दावा किया गया है कि स्मृति ईरानी के उक्त हलफनामों में अपनी शैक्षणिक योग्यता के बारे में गलत और भिन्न-भिन्न बयान दिया गया, एेसा प्रतीत होता है कि अपने स्वामित्व की अचल सम्पत्ति एवं अन्य ब्यौरे के बारे में गलत या भिन्न जानकारी दी है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि उपरोक्त तथ्य और परिस्थितियां आरोपी की ओर से जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125ए के तहत अपराध की बात स्पष्ट करती हैं, साथ ही अतिरिक्त जांच के परिणामस्वरूप अन्य दंडात्मक प्रावधानों के तहत अपराध हो सकता है।