दिल्ली पुलिस ने दावा किया है कि राजधानी दिल्ली में चोटी काटने का एक मामला सुलझा लिया गया है। यह बच्चों की शरारत थी। दिल्ली के दक्षिणपुरी से संजय गांधी झुग्गी में शुक्रवार को 14 साल की एक लड़की ने दावा किया कि दोपहर को किसी ने उसकी चोटी काट ली, और उसके कटे हुए बाल उसके कपड़े पर ही मिले, लेकिन उसने किसी को देखा नहीं। दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि जब उन्होंने केस की जांच शुरू की तो सच्चाई सामने आई।
पीटीआई के मुताबिक, दक्षिण-पूर्व दिल्ली के डीसीपी रोमिल बानिया ने बताया कि, ‘हम लोगों ने तथ्यों की जांच के लिए वहां पर एक पुलिस टीम भेजी, जांच में सामने आया कि लड़की के 10 साल के छोटा भाई और 12 साल के भतीजे ने शरारत में लड़की चोटी काट दी थी।’ घटना के वक्त लड़की सो रही थी।
पुलिस ने जब घरवालों से पूरे मामले की पूछताछ की तो उन्हें इन बच्चों की बात में कुछ गड़बड़ी नजर आई। पुलिस ने जब जोर देकर बच्चों से पूछताछ की तो सारी सच्चाई सामने आ गई। बच्चों ने कहा कि उन्होंने मजाक में लड़की की चोटी काट दी थी। दिल्ली पुलिस ने दावा किया कि लड़की के माता पिता ने लिखित रुप से ये बात पुलिस को बताई। इसके बाद केस को बंद कर दिया गया। हालांकि राजधानी के चोटी काटने के दूसरे केस में पुलिस को अब तक सुराग नहीं मिल पाया है। लोग डरे हुए हैं और तरह तरह की अंधविश्वास भरी बातें कर रहे हैं।
बता दें कि दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान में चोटी काटने की लगभग 100 से ज्यादा घटनाएं सामने आ चुकी हैं। लोग अंधविश्वास से भरे हुए हैं और अपने घर में नीम की टहनियां लगाने समेत कई टोटके कर रहे हैं। हालांकि दिल्ली पुलिस का कहना है कि ज्यादातर मामले में महिलाएं खुद इस तरह की घटनाओं को अंजाम दे रही हैं तो कुछ केस में ये पीड़ित महिलाओं के रिश्तेदारों का काम लगता है। हालांकि पुलिस इन केस में अब तक कोई सबूत नहीं दे सकी है। ये सब भी विकास के तमाम दावे करने वाले भारत देश में साथ-साथ चल रहा है।