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मुस्लिम विद्वानों की राय, जाकिर नाइक ने किया जकात अदा से धोखा

इस्लामिक गुरु डॉ. जाकिर नाइक की संस्‍था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन की तरफ से राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट को 50 लाख रुपये दिए जाने को मुस्लिम विद्वानों ने अनुचित करार दिया है। नई दिल्ली के सूफी पीस फाउंडेशन के अध्यक्ष मौलाना डॉ. हफीज़ुर्रहमान मिसबाही ने कहा कि अगर नाइक ने जकात (दान) की राशि दी, तो उन्होंने लाभार्थी मुसलमानों और जकात अदा दोनों के साथ धोखा किया है। जकात की यह राशि वास्तव में डॉ. नाइक ने गरीब मुसलमानों और विधवाओं तक पहुंचाने के लिए प्राप्त की होगी। जकात की मंशा के खिलाफ इस राशि का इस्तेमाल सही नहीं है।
मुस्लिम विद्वानों की राय, जाकिर नाइक ने किया जकात अदा से धोखा

डॉ. हफीज़ुर्रहमान ने कहा कि अगर ट्रस्ट को दी गई राशि डॉ. नाइक की व्यक्तिगत राशि हो या अतिरिक्त सहायता राशि हो या फिर दान जकात के अलावा हो, तो हर्ज नहीं है। वह जैसे चाहें और जहां चाहें उस राशि को खर्च कर सकते हैं। मजलिस उलेमा हिंद के अध्यक्ष मौलाना मोहसिन अली तकवी ने कहा कि सच्चर कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक भारत के मुसलमान पिछड़े हैं और उन्हें मदद की सख्त जरूरत है। ऐसे में मुस्लिम संस्था को छोड़कर कोई गैर मुस्लिम संस्थाओं को जकात की राशि देता है तो यह उचित नहीं है।

जमात-ए-इस्लामी हिंद के अमीर मौलाना जलालुद्दीन उमरी के अनुसार यह इस्लामी सिद्धांत है कि जकात की राशि गरीब मुस्लिम भाइयों पर खर्च की जाए। मुुझे यह पता नहीं है कि डॉ. नाइक ने यह राशि किस लिए ट्रस्ट को दी, लेकिन मुझे पता है कि बाहर के देशों से चंदे के रूप में आने वाली अधिकांश राशि जकात की होती है। यदि डॉ. नाइक ने जकात की राशि ट्रस्ट को दी थी तो यह सही नहीं था। मुफ्ती अशफाक अहमद आजमी ने भी कहा कि जकात की राशि गरीब मुस्लिमों पर ही खर्च हो सकती है, इसे किसी गैर मुस्लिम संस्था को नहीं दिया जा सकता। अगर राजीव गांधी ट्रस्ट ने राशि वापस कर दी है तो उन्हें चाहिए कि गरीब मुसलमानों में विभाजित कर दें, अब भी जकात स्वीकार कर ली जाएगी।

इधर केंद्र सरकार ने जाकिर नाइक द्वारा संचालित एनजीओ इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) को सीधे विदेशी धन लेने से प्रतिबंधित करने के लिए अधिसूचना जारी की है। गृह मंत्रलय के मुताबिक प्राथामिक जांच में पाया गया कि आईआरएफ ने विदेशी धन के मामले में एफसीआरए के कुछ प्रावधानों का उल्लंघन किया है। इसलिए उसे अब सरकार से पूर्व अनुमति लेनी होगी। एफसीआर 2010 की धारा 11 (3) के तहत अधिसूचना जारी करने का यह अजीबोगरीब प्रकरण है। 

नाइक की संस्था के दावों को कांग्रेस ने किया खारिज

राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट से पैसा वापस नहीं मिलने के जाकिर नाइक की संस्था के दावों को कांग्रेस ने खारिज कर दिया है। पार्टी के अनुसार इस विवादास्पद इस्लामी उपदेशक और उनकी संस्था के सवालों के घेरे में आने के तुरंत बाद ट्रस्ट ने पैसा वापस भेज दिया था। कांग्रेस ने यह भी कहा है कि जाकिर को लेकर राजग सरकार उसे बदनाम करने की कोशिश कर रही है। जबकि, सरकार इसका जवाब नहीं दे रही कि केंद्र की पिछली राजग सरकार की पहल पर नाइक ने कश्मीर यात्र की थी और श्रीनगर के राजभवन में बतौर अतिथि रुका था। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के कांग्रेस पर लगाए गए आरोपों पर जवाबी वार करते हुए कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने यह दावा किया। उन्होंने कहा कि जाकिर की संस्था भले ही कथित तौर पर संदिग्ध गतिविधियों में शामिल रही हो, मगर ढाका आतंकी हमले के पहले तक यह नोटिस में नहीं था। तिवारी ने कहा कि संप्रग सरकार ने दो बार जाकिर के पीस टीवी के डाउनलिंकिंग आवेदन को खारिज कर दिया था। लेकिन, कानून मंत्री ने इस तथ्य को गलत तरीके से पेश कर कांग्रेस पर आधारहीन आरोप लगाए। भाजपा से सवाल करते हुए उन्होंने कहा कि क्या यह सच्चाई नहीं कि जाकिर ने 2003 में तत्कालीन राजग सरकार की पहल पर कश्मीर की तीन दिन की यात्रा की थी। तब भी पीडीपी की अगुआई वाली सरकार जम्मू-कश्मीर में सत्ता में थी। चाहे जिस मकसद से भी हो जाकिर की इस कश्मीर यात्र का रोडमैप तत्कालीन राजग सरकार ने तैयार किया था। उन्होंने कहा कि ऐसे में कांग्रेस पर सवाल दागने से पहले भाजपा को अपने दामन में भी झांक लेना चाहिए।

 

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