इस संबंध में बुधवार को एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि एस्सार ग्रुप की कथित शह पर नेताओं और उद्योगपतियों के टेलीफोन की अवैध टैपिंग में मुंबई पुलिस और बंद हो चुकी हचिसन टेलीकॉम की भूमिका की एक केंद्रीय एजेंसी जांच कर सकती है। अधिकारी ने बताया कि अतीत में इस तरह की घटनाएं हुई हैं जब कुछ लोगों और संगठनों ने टेलीफोन टैप करने के लिए पुलिस की मदद ली। ऐसी स्थिति में यह मुमकिन है कि मुंबई पुलिस में किसी की मदद से फोन टैप किया गया। हालांकि गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से भेजी गई फोनों की कथित अवैध टैपिंग संबंधी फाइल फिलहाल गृह मंत्री राजनाथ सिंह के पास है और आगे की कार्रवाई के लिए अब तक फैसला नहीं हुआ है।
सरकारी अधिकारी ने कहा कि संभावना है कि सीबीआई जैसे संगठन से औपचारिक जांच कराने के आदेश दिए जाने के पहले संभवत: खुफिया ब्यूरो से एक आंतरिक जांच कराई जा सकती है। पीएमओ ने वकील सुरेन उप्पल की शिकायत गृह मंत्रालय को भेज दी है, जिन्होंने आरोप लगाया है कि अटल बिहारी वाजपेयी जब प्रधानमंत्री थे, एस्सार ग्रुप ने अपने पूर्व सुरक्षा प्रमुख अलबासित खान को अपने कारोबारी प्रतिद्वंद्वियों की टेलीफोन बातचीत टैप कराने का आदेश दिया था। शिकायतकर्ता ने मुकेश और अनिल अंबानी की उनके कंपनियों के निदेशकों और प्रवर्तकों तथा अन्य अधिकारियों के साथ कथित बातचीत का कॉल लॉग शामिल किया है। टैप किए संवाद से पता चलता है कि कारोबारी प्रतिद्वंद्वी किस तरह अपने पक्ष में नेताओं से संपर्क साधते हैं।