रूस के इरकुत कॉरपोरेशन के उपाध्यक्ष (सैन्य बिक्री) वितले बोरोदिच ने इस बारे में सवाल पूछे जाने पर कहा, हमारा कहना है- मानवीय कारक। इरकुत दरअसल रूस के सरकारी यूनाइटेड एयरक्राफ्ट कॉरपोरेशन की सहायक कंपनी है। यूनाइटेड एयरक्राफ्ट कॉरपोरेशन देश के एयरोस्पेस उद्योग का प्रमुख संगठन है। बोरोदिच ने दावा किया कि भारतीय वायुसेना ने भी यह स्वीकार किया है कि इसके पीछे एक मानवीय वजह है।
एयरो इंडिया एयर शो से इतर उन्होंने बेंगलुरू में पत्रकारों से कहा, वे (भारतीय वायुसेना) इस बात को स्वीकार करते हैं और इसलिए विमान अब भी इस्तेमाल में लाया जा रहा है। भारतीय वायु सेना ने दुर्घटना की कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दिए हैं लेकिन इस बात से इनकार किया कि जांच किसी अंतिम नतीजे पर पहुंच गयी है। घटना को विमान की इजेक्शन सीट में असावधानीवश आग लगने से जुड़ा होने का संज्ञान लेते हुए वायुसेना प्रमुख अरूप राहा ने कहा कि भारत में पहले भी इस तरह की घटनाएं या दुर्घटनाएं हुई हैं। उन्होंने कहा, इस मामले में, हमने पूरी तरह जांच की है लेकिन यह अभी तक पूरी नहीं हुई है। अंतिम रिपोर्ट अभी आई नहीं है। लेकिन, हमें प्रणाली में वास्तव में कुछ भी गलत नहीं मिला। वायु सेना प्रमुख ने कहा, जाहिर तौर पर इससे यह संकेत नहीं मिलता कि कोई मानवीय भूल हुई या पायलट की गलती थी। उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि पहले भी इस तरह के हादसे हुए हैं जब असावधानीवश आग लग गयी।