किसान आंदोलन के दौरान सिंधु बार्डर से दिल दहला देने वाली खबर आई है। कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में 65 वर्षीय संत बाबा राम सिंह ने खुदकुशी कर ली है। वे गुरुद्वारा साहिब नानकसर के संत थे। उनके अनुयाइयों की तादाद लाखों में बताई जा रही है। राम सिंह ने गोली मारकर आत्महत्या की है और उन्होंने पंजाबी भाषा में एक सुसाइड नोट छोड़ा है। इसमें उन्होंने लिखा है कि यह जुल्म के खिलाफ एक आवाज है। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने खुदकुशी पर दुख जाहिर किया है।
सुसाइड नोट में क्या लिखा
बाबा राम सिंह ने सुसाइड नोट में लिखा है कि किसानों का दुख देखा, वो अपने हक लेने के लिए सड़कों पर हैं। बहुत दिल दुखा है। सरकार न्याय नहीं दे रही। जुल्म है, जुल्म करना पाप है,जुल्म सहना भी पाप है। वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतेह।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि धरना स्थल पर कई किसान मौजूद थे। इसी दौरान बाबा रामसिंह ने आंदोलन में बलिदान देने की बातें करते हुए अन्य किसानों को स्टेज पर भेज दिया। उसके बाद खुद को अपने वाहन में जाकर गोली मार ली। गोली मारने का पता लगते ही उन्हें घायल अवस्था में पानीपत के निजी अस्पताल में ले जाया गया। जहां चिकित्सक ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।