भले ही सुप्रीम कोर्ट ने नए कृषि कानूनों पर किसानों की नाराजगी दूर करने के लिए कमेटी का गठन कर दिया है। लेकिन आंदोलनरत किसान सुप्रीम कोर्ट के कदम से खुश नहीं है। ऐसे में न केवल वह अपना विरोध प्रदर्शन जारी किए हुए बल्कि वह 26 जनवरी को निकलने वाली ट्रैक्टर परेड के लिए कमर कस रहे हैं। इसके अलावा लोहड़ी पर कई जगहों पर किसानों ने नए कृषि कानून की प्रतियां भी जलाई हैं।
26 जनवरी को किसानों ने ट्रैक्टर परेड के दौरान होनो वाली किसी हिंसा और पुलिस द्वारा किसी बल प्रयोग से बचने के लिए ट्रैक्टर को भी मॉडीफाई कर रहे हैं। किसानों ने इसके लिए बकायदा ट्रैक्टर के आगे पीछे लोहे की रॉड लगवा दी है। जिसे पूरी तरह से घेर दिए गया है। ऐसे में अगर उन्हें रोकने के लिए कोई बल प्रयोग किया जाता है तो वह अपने आप को चोट से बचा सके।
इसके अलावा किसानों ने ट्रैक्टर पर 26 जनवरी के दिन आगे तिरंगा लगाने की भी योजना बनाई है। इसके जरिए वह पुलिस की किसी कार्रवाई से अपने आपको बचाने की कवायद भी करेंगे। साथ ही करीब 200 ट्रैक्टर पर महिलाओं को ड्राइविंग सीट पर बैठाने की तैयारी है।
इसके अलावा मुख्यमंत्री से लेकर मंत्रियों या विधायकों के गणतंत्र दिवस पर 26 जनवरी को झंडा फहराने का विरोध करने का फैसला किसानों ने किया है।