संपूर्ण कर्जमाफी सहित कई मांगों को लेकर अखिल भारतीय किसान सभा की तरफ से निकाला गया 30 हजार से अधिक किसानों का लॉन्ग मार्च सोमवार तड़के मुंबई के आजाद मैदान पहुंच गया। किसान आज विधानसभा का घेराव करेंगे।
बता दें कि किसानों के इस प्रदर्शन को कई राजनीतिक दलों ने भी अपना समर्थन दिया है। रविवार को शिवसेना और राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने किसानों के साथ खड़े होने की घोषणा की। इधर कांग्रेस ने पहले ही इस मोर्चे को अपना समर्थन दे दिया है।
इधर राज्य सरकार ने किसानों की मांगों की जांच के लिए एक छह सदस्यीय समिति नियुक्त करने का निर्णय लिया है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के आवास पर हुई एक उच्च स्तरीय मीटिंग के दौरान निर्णय लिया गया।
#KisanLongMarch : Six-member committee formed to look into demands
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— ANI Digital (@ani_digital) March 11, 2018
समिति में महाराष्ट्र के मंत्री चंद्रकांत पाटिल, कृषि मंत्री पांडुरंग निधिकर, सिंचाई मंत्री गिरीश महाजन, जनजातीय विकास मंत्री विष्णु सावरा, राज्य सहकारी समिति सुभाष देशमुख और शिवसेना के नेता और पीडब्ल्यूडी मंत्री एकनाथ शिंदे शामिल होंगे। महाराष्ट्र सरकार ने सभी मशीनरी को भी प्रदर्शनकारियों के प्रति सकारात्मक और सहानुभूति रखने का निर्देश दिया है।
अपडेट्स-
-किसानों का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात करने पहुंच गए हैं। इस मुलाकात के बाद ही किसान निर्णय लेंगे कि उनका मार्च खत्म होगा या वो विधानसभा का घेराव करने के लिए कूच करेंगे।
-इससे पहले मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा है कि किसानों की मांग को लेकर मंत्रियों की समिति और प्रतिनिधियों के साथ चर्चा होगी और सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा, 'मोर्चा के पहले दिन से हमने किसानों के साथ विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने की कोशिश की।'
-मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, किसानों का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात करेगा। ये मुलाकात दोपहर 2 बजे होगी, जिसके बाद किसान अगले कदम पर फैसला लेंगे।
राजनीतिक दलों का समर्थन
रविवार को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने किसानों से मुलाकात के दौरान उन्हें कर्ज से मुक्ति दिलाने की मांग की। उन्होंने कहा, ''हम कर्ज माफी नहीं चाहते। माफी किसी मामले के दोषी को दी जाती है। हम दोषी नहीं हैं। हम कर्ज से मुक्ति चाहते हैं।"
वहीं मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पर भी हमला बोला। ठाकरे ने इस दौरान सवाल उठाते हुए कहा कि किसानों की कर्जमाफी के शाह के वादे का क्या हुआ।
महाराष्ट्र कांग्रेस ने भी किसानों का समर्थन किया है। कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने ट्वीट कर कहा, ''सरकार के खिलाफ किसानों के इस संघर्ष में कांग्रेस पार्टी उनके साथ है। मुख्यमंत्री को किसानों से बात करनी चाहिए और उनकी मांगों को स्वीकार करना चाहिए।''
शेतक-यांच्या न्याय मागण्यांसाठी निघालेल्या नाशिक मुंबई किसान लाँग मार्चला काँग्रेस पक्षाचा पाठिंबा आहे. शेतक-यांच्या सरकारविरोधातील या संघर्षात काँग्रेस पक्ष शेतक-यांसोबत आहे. मुख्यमंत्र्यांनी हट्टीपणा सोडून शेतक-यांशी चर्चा करावी व त्यांच्या मागण्या मान्य कराव्यात. pic.twitter.com/XPYAang7LJ
— Ashok Chavan (@AshokChavanINC) March 11, 2018
क्या है किसानों की मांगें?
किसानों किसानों ने पूरे कर्ज और बिजली बिल माफी के अलावा स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने की मांग रखी है। किसानों का कहना है कि सरकार ने किसानों से किए गए वादों को पूरा न करके उनके साथ धोखा किया है।