केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय के उस फैसले का स्वागत किया जिसमें निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार बताया गया है। सरकार ने कहा कि शीर्ष अदालत ने इस मुद्दे पर सिर्फ उसके रुख की 'पुष्टि' की है। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संवाददाताओं से एक प्रेस कांफ्रेंस से कहा कि शीर्ष अदालत ने कहा है कि निजता का अधिकार संपूर्ण नहीं है और इस पर तर्कसंगत पाबंदी लगाई जा सकती है।
LIVE: #RightToPrivacy a part of right to liberty, subject to reasonable restrictions: @rsprasad https://t.co/Zg1Pv6qQsO
— PIB India (@PIB_India) August 24, 2017
प्रसाद ने कहा, 'उच्चतम न्यायालय ने उस बात की पुष्टि की है जो सरकार ने संसद में आधार विधेयक को पेश करने के दौरान कहा था। निजता को मौलिक अधिकार होना चाहिए लेकिन इसे तर्कसंगत पाबंदी के अधीन होना चाहिए।' इस फैसले के जरिए 'निगरानी के जरिए दबाने' की भाजपा की विचारधारा को खारिज किए जाने के कांग्रेस के दावों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रसाद ने अपने ट्वीट में कहा, 'निजी स्वतंत्रता की रक्षा करने में कांग्रेस का क्या रिकॉर्ड रहा है, इसे आपातकाल के दौरान देखा गया था।'
Statement on behalf of Govt of India on the Supreme Court judgement on #RightToPrivacy pic.twitter.com/Qt3hVDCQQZ
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) August 24, 2017
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करती है। यूपीए बिना किसी कानून के आधार को ले आई थी। हमने आधार को कानूनी जामा पहनाया। फैसले के बाद से ही कांग्रेस हम पर हमला कर रही है। लेकिन मैं पूछना चाहता हूं कि निजी स्वतंत्रता बनाए रखने के लिए कांग्रेस ने क्या किया।
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि संविधान पीठ बनने से पहले वित्तमंत्री ने माना था कि प्राइवेसी मौलिक अधिकार है। वित्तमंत्री ने जो रुख सदन में रखा था फैसला उसी के मुताबिक आया है। सरकार की ओर से पेश एटॉर्नीने भी यही बात कही थी लेकिन कोर्ट के फैसले में बाकी मौलिक अधिकारों की तरह इसमें भी कुछ नियंत्रण हैं।
आधार को लेकर रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सरकार किसी को आधार डाटा सार्वजनिक करने की इजाजत नहीं देती। आधार के जरिए गरीबों के बैंक में सीधे सब्सिडी का पैसा पहुंचाया जा रहा है। खैर आधार को लेकर 5 जजों की बेंच सुनवाई कर रही है।
वहीं एएनआई से बातचीत में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि प्राइवेसी पर सरकार का पक्ष हमेशा से स्पष्ट था।
The Government always had a clear stand on privacy: Arun Jaitley #RightToPrivacy pic.twitter.com/itACTlUKAV
— ANI (@ANI) August 24, 2017
उन्होंने कहा कि यह एक सकारात्मक कदम है।
Its positive development, as evolution of constitutional law goes on there is always an effort to strengthen fundamental rights:Arun Jaitley
— ANI (@ANI) August 24, 2017
जेटली ने यूपीए सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यूपीए बिना कानून के और बिना डेटा की सुरक्षा के आधार लाई थी इसलिए चुनौती थी।
UPA brought about #Aadhaar without a law,without safeguards for data,therefore the challenge was there: Arun Jaitley pic.twitter.com/i27ANZ0WX3
— ANI (@ANI) August 24, 2017
बता दें कि प्रधान न्यायाधीश जे एस खेहर की अध्यक्षता वाली नौ न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने आज कहा, 'निजता का अधिकार अनुच्छेद 21 के तहत जीवन और निजी स्वतंत्रता के अधिकार और संविधान के समूचे भाग तीन का स्वाभाविक हिस्सा है।'
एक बेहद अहम फैसले के तौर पर सुप्रीम कोर्ट ने निजता के अधिकारयानी राइट टू प्राइवेसी को मौलिक अधिकारों का हिस्सा करार दिया है। नौ जजों की संविधान पीठ ने 1954 और 1962 में दिए गए फैसलों को पलटते हुए कहा कि राइट टू प्राइवेसी मौलिक अधिकारों के अंतर्गत प्रदत्त जीवन के अधिकार का ही हिस्सा है। राइट टू प्राइवेसी संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत आती है। अब लोगों की निजी जानकारी सार्वजनिक नहीं होगी। हालांकि आधार की योजनाओं से जोड़ने पर सुनवाई आधार बेंच करेगी। इसमें 5 जज होंगे।