कांग्रेस ने राफेल डील को लेकर एक बार फिर केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है। पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने शनिवार को केंद्र सरकार पर इस मामले में रक्षा खरीद प्रक्रिया और कई समितियों को नजरंदाज करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि डील साइन करने से पहले सरकार ने सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति को भी इसकी जानकारी नहीं दी।
कोलकाता में पत्रकारों से बात करते हुए चिदंबरम ने पूछा, “राफेल डील में रक्षा खरीद प्रक्रिया की अनदेखी क्यों की गई? कॉन्ट्रेक्ट निगोशिएशन तथा प्राइस निगोशिएशन कमेटी को क्यों अंधेरे में रखा गया? यहां तक कि सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति को भी डील की जानकारी नहीं दी गई।” उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में इस लड़ाकू विमान के सौदे की जो कीमत तय की गई थी और मौजूदा एनडीए सरकार जिस कीमत पर विमान खरीद रही है उसमें भारी अंतर है।
उन्होंने कहा,“यूपीए सरकार ने प्रति विमान 526 करोड़ रुपये की दर से भुगतान का समझौता किया था। लेकिन एनडीए सरकार 1,670 करोड़ रुपये प्रति एयरक्राफ्ट के दर से भुगतान कर रही है। ऐसे में सरकार को बताना चाहिए कि विमान की कीमत तीन गुना क्यों हो गई।" चिदंबरम ने कहा कि इस सौदे पर गंभीर पब्लिक डिबेट की जरूरत है और इसकी विस्तृत जांच होनी चाहिए। यही वजह है कि कांग्रेस अध्यक्ष और पार्टी इसे प्रमुखता से उठा रही है।