जानवरों के स्लॉटर के लिए पशु मेले या बाजार में उनकी बिक्री पर रोक लगाने वाली विवादित योजना को केंद्र सरकार वापस लेने का विचार कर रही है।
यह बात पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के अधिकारी द्वारा कही गई है। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, एक अधिकारी ने बताया कि मंत्रालय ने जानवरों से क्रूरता पर रोकथाम (पशुधन बाजार नियमन) नियम, 2017 में किए गए बदलाव पर राज्यों से प्रतिक्रिया मांगने के बाद यह कदम उठाया है।
बता दें कि मई में जारी अधिसूचना के बाद देश भर में जानवरों को काटने के लिए बिक्री पर बैन लगाने को लेकर बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार विवादों के घेरे में आ गई थी। इसके बाद देश की कई जगहों से गौ संरक्षण और गौहत्या को लेकर हिंसा करने के मामले सामने आए हैं। केंद्र सरकार की इस अधिसूचना का किसानों ने भी विरोध किया था।
जानवरों का केवल खेती में उपयोग को लेकर उसे केवल बाजार तक सीमित करने पर किसानों ने कहा था कि वे सीधे बूचड़खानों तक नहीं पहुंच सकते हैं। बता दें कि किसान अपने अनावश्यक जानवरों को बाजार में ले जाते हैं। यहां विक्रेता जानवरों की खरीदकर या तो बूचड़खाने भेज देते हैं या फिर पशुचिकित्सा के लिए भेज देते हैं।
गौरतलब है कि सितंबर में पर्यावरण मंत्री हर्ष वर्धन ने पहली बार संकेत दिए थे कि केंद्र सरकार द्वारा जानवरों को काटने के लिए रोके जाने वाली बिक्री के प्रतिबंध को उठाया जा सकता है। उस समय हर्ष वर्धन ने कहा था कि यह केवल जानवरों के प्रति क्रूरता रोकने के लिए एक नियामक व्यवस्था जिसका उद्देश्य बूचड़खानों पर प्रभाव डालना या किसानों को नुकसान पहुंचाना नहीं थी।