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नेट निरपेक्षता पर राहुल के कड़े तेवर

इंटरनेट निरपेक्षता के मुद्दे को उठाते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज लोकसभा में प्रश्नकाल स्थगित कर इस बारे में तत्काल चर्चा कराने के लिए कार्यस्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया।
नेट निरपेक्षता पर राहुल के कड़े तेवर

कांग्रेस नेता का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुछ कार्पोरेट घरानों तक ही इंटरनेट पहुंच को सीमित रखना चाहते हैं, हालांकि सरकार ने इस आरोप का जोरदार खंडन किया है।

राहुल के कार्यस्थगन नोटिस पर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को निर्णय करना है। लोकसभा में कल इंटरनेट की निरपेक्षता को सुनिश्चित करने की जोरदार वकालत की गई थी और ट्राई द्वारा हाल में लाए गए परामर्श पत्र को खारिज किए जाने की मांग की गई थी। लोकसभा में शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि सरकार कुछ उद्योगपतियों के बीच ही इंटरनेट का वितरण चाहती है जबकि प्रत्येक युवा को इंटरनेट तक पहुंच बनाने का हक है। यह सरकार इंटरनेट उनसे छीनकर कुछ कॉर्पोरेट घराने तक सीमित रखना चाहती है।

माकपा के एम. बी. राजेश ने सदन में शून्यकाल के दौरान यह विषय उठाते हुए आरोप लगाया था कि ट्रई द्वारा लाया गया परामर्श पत्र दूरसंचार और इंटरनेट सेवा प्रदाताओं की ओर से नेट निरपेक्षता पर आघात का खुला समर्थन करता है।

नेट निरपेक्षता सुनिश्चित करने के लिए राहुल गांधी ने कानून में बदलाव करने या नया कानून लाने की वकालत की।

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