जीएसटी लागू होने के बाद कई बार इसके नियमों में बदलाव किए गए हैं। जीएसटी को लेकर शुक्रवार को जीएसटी काउंसिल की अहम बैठक हुई, जिसमें कई चीजों के दाम घटाए गए।
जीएसटी में 28 फीसदी टैक्स के दायरे में आने वाले सामानों पर टैक्स कम करके उन्हें 18 फीसदी टैक्स स्लैब के दायरे में लाया गया है।
जीएसटी काउंसिल की मीटिंग के बाद काउंसिल के अहम सदस्य और बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मीडिया से बात करते हुए इस बात की जानकारी दी।
सुशील कुमार मोदी ने कहा जीएसटी परिषद ने 28 प्रतिशत कर दायरे में ज्यादातर लग्जरी, गैर-जरुरी और अहितकर सामान सहित केवल 50 वस्तुओं को ही रखने का फैसला किया। हालांकि इसका औपचारिक ऐलान शुक्रवार शाम को किया जाएगा।
Almost 227 items were there in 28% GST slab, now only 50 remain, which are mostly luxury items, rest have been put in 18%: Sushil Kumar Modi, Bihar Dy CM #GSTCouncilMeet pic.twitter.com/bjds4iVEJT
— ANI (@ANI) November 10, 2017
सरकार के इस फैसले के बाद अब केवल 50 सामान ही 28 फीसदी टैक्स के दायरे में रह गए हैं।
मोदी ने कहा कि हर घर में आम तौर पर इस्तेमाल होने वाले सामानों, जैसे सैनेटरी, सूटकेस, वॉलपेपर्स, प्लाईवुड, स्टेशनरी आर्टिकल, घड़ी, प्लेइंग इंस्ट्रूमेंट्स आदि सामानों पर सरकार भारी छूट का ऐलान कर सकती है। इन सामानों पर टैक्स में छूट का उद्देश्य छोटे व्यापारियों और कन्ज्यूमर्स को राहत देना है।
सुशील मोदी ने बताया कि पहले 62 सामानों को सबसे उच्च कर वाले दायरे में रखा जाना था, लेकिन मीटिंग में काफी चर्चा के बाद कुछ और आइटम उस कैटिगरी में से कम किए गए। अब सिर्फ 50 आइटमों पर ही 28 पर्सेंट टैक्स लगेगा। उन्होंने बताया कि आफ्टर शेव, डिओड्रेंट, वॉशिंग पाउडर, ग्रेनाइट और मार्बल जैसे आइटमों पर अब 18 पर्सेंट टैक्स लगेगा। मोदी ने जीएसटी काउंसिल के इस फैसले को एतिहासिक बताया।
क्या होगा सस्ता
बताया जा रहा है कि मीटिंग में फैसला हुआ है कि सैनेटरी, सूटकेस, वॉलपेपर्स, प्लाईवुड, स्टेशनरी आर्टिकल, घड़ी, प्लेइंग इंस्ट्रूमेंट्स, आफ्टर शेव, डिओड्रेंट, वॉशिंग पाउडर, ग्रेनाइट और मार्बल जैसे कई उत्पाद अब 18 पर्सेंट वाले दायरे में आएंगे।
क्या सस्ता नहीं होगा
वहीं यह भी कहा जा रहा है कि पेंट, सीमेंट, वॉशिंग मशीन, फ्रिज और तंबाकू जैसे सामानों पर कोई राहत नहीं मिली है।
गौरतलब है कि जीएसटी लागू होने के बाद से ही जरूरी उपयोग की वस्तुओं पर ज्यादा टैक्स वसूलने को लेकर सरकार की काफी आलोचना हो रही थी। जिसके बाद सरकार द्वारा इन वस्तुओं पर टैक्स कम करने की उम्मीद पिछले कुछ समय से जताई जा रही थी।