एचआरडी मंत्रालय के अधिकारियों ने आज कहा कि राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) श्रीनगर के छात्रों के पास बाद में परीक्षा देने का विकल्प होगा। स्थिति का जायजा लेने और आंदोलित छात्रों से बातचीत करने के लिए एचआरडी मंत्रालय की तीन सदस्यीय टीम द्वारा परिसर का दौरा किए जाने के एक दिन बाद यह फैसला आया है। इस बीच श्रीनगर स्थित एनआईटी परिसर में आज भी हालात तनावपूर्ण रहे और दूसरे प्रदेशों के छात्रों के एक छोटे से समूह ने इंस्टीट्यूट को कश्मीर घाटी से बाहर ले जाने की मांग करते हुए परिसर के अंदर ही प्रदर्शन किया। अधिकारियों ने बताया कि दूसरे प्रदेशों के छात्रों ने संस्थान को कश्मीर घाटी से बाहर ले जाने की अपनी मांग के समर्थन में भारत माता की जय के नारे लगाते हुए परिसर में प्रदर्शन किया। जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक के. राजेन्द्र कुमार आज स्वयं हालात का जायजा लेने एनआईटी परिसर पहुंचे।
दूसरे प्रदेशों के छात्रों के प्रदर्शन का यह तीसरा दिन है। बुधवार को संस्थान के दौरे पर आई टीम से परिसर में असुरक्षा की आशंका व्यक्त करते हुए राज्य के बाहर से आए छात्रों ने कहा कि वे कुछ समय के लिए घर जाना चाहते हैं और बाद में परीक्षा देना चाहते हैं। छात्रों ने संस्थान को कश्मीर से बाहर स्थानांतरित करने तथा सोमवार को हुए लाठीचार्ज में शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग करने के साथ ही आरोप लगाया कि इंस्टीट्यूट के कुछ संकाय सदस्य गैर-स्थानीय छात्रों को कथित रूप से परेशान कर रहे हैं। छात्रों ने मांग की है कि एनआईटी के कुछ स्टाफ सदस्यों को इस्तीफा देना चाहिए ताकि वे किसी छात्र के कैरियर से खिलवाड़ नहीं कर सकें।
मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा, ऐसे छात्र हैं जो बाद में परीक्षा देना चाहते हैं, लेकिन उनमें से अधिकतर निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ही परीक्षा देना चाहते हैं। जो बाद में परीक्षा देना चाहते हैं, उनके लिए पुन: परीक्षा निर्धारित की जाएगी। संस्थान में परीक्षाएं अगले सप्ताह से होनी हैं। अधिकारियों ने बताया, परिसर गई एचआरडी टीम वहां परीक्षाएं पूरी होने तक रूकेगी। जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को आश्वासन दिया है कि सभी छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। स्मृति संसद सदस्यों की सलाहकार समिति की बैठक के लिए 13 अप्रैल को श्रीनगर जाएंगी, लेकिन इस बारे में अभी कुछ स्पष्ट नहीं है कि वह एनआईटी परिसर जाएंगी या नहीं। इस बीच कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने जम्मू-कश्मीर की पीडीपी-भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि वह श्रीनगर में एनआईटी के छात्रों के खिलाफ बर्बर कार्रवाई कर रही है। गांधी ने एक ट्वीट कर कह, एनआईटी श्रीनगर के छात्रों पर लाठीचार्ज की कड़ी आलोचना करता हूं। भाजपा और उसके सहयोगी यह कब समझेंगे कि छात्रों के खिलाफ यूं बर्बर कार्रवाई करना कभी भी समस्या का निराकरण नहीं हो सकता।
प्रसिद्ध डल झील के पास स्थित एनआईटी परिसर में तनाव तब शुरू हुआ था जब टी20 क्रिकेट विश्व कप के सेमीफाइनल में कुछ स्थानीय छात्रों ने भारत की हार पर जश्न मनाया और पटाखे चलाए। बाहरी छात्रों ने इसका विरोध किया जिसका परिणाम झड़पों के रूप में निकला। घटनाक्रम के चलते एनआईटी अधिकारियों ने शनिवार को परिसर बंद करने का फैसला किया, लेकिन सोमवार को इसे फिर खोल दिया गया। बाहरी छात्रों ने परिसर से बाहर की तरफ मार्च निकालने की कोशिश की और कहा कि वे घर लौटना चाहते हैं।